शिक्षा सत्र के लिए नियुक्त अध्यापकों को भर्ती में वरीयता देने से इनकार

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम की धारा 16ई (11) के तहत प्रबंध समिति द्वारा रिक्त पद पर नियुक्त अध्यापक को बोर्ड की नियमित भर्ती में वरीयता देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है।




कोर्ट ने कहा कि इस धारा में प्रबंध समिति को केवल शिक्षा सत्र के लिए नियुक्ति का अधिकार है। वह पिछली रिक्तियों पर नियुक्ति नहीं कर सकता, जो बोर्ड को अधिसूचित की जा चुकी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने आशुतोष कुमार मिश्र व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने याचिका का प्रतिवाद किया।

याची का कहना था कि वे 2018 से कार्यरत हैं। उन्हें वेतन नहीं दिया गया तो याचिका की। कोर्ट ने डीआईओएस बलिया को निर्णय लेने का निर्देश दिया। आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका की। उस वपर भी निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है। इसी बीच बोर्ड ने भर्ती निकाली तो याचियों ने भी आवेदन किया। साथ ही याचिका कर इस भर्ती में अध्यापन अनुभव के आधार पर वरीयता देने की मांग की। कोर्ट ने वरीयता देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।