बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों के सवा लाख पद खाली, शिक्षक-छात्र औसत का पुनः निर्धारण को भी कहा, केंद्र ने खाली पदों को भरने के दिए निर्देश

 लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों के सवा लाख से अधिक पद खाली हैं। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल के शिक्षा एवं

साक्षरता विभाग ने बेसिक शिक्षा परिषद में इन खाली पदों को भरने या शिक्षक छात्र औसत के अनुसार पदों का पुनः निर्धारण करने के लिए कहा है। साथ ही इसी औसत के आधार पर सहायक अध्यापकों व प्रधानाध्यापकों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के 1.58 लाख से अधिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 4,45,321 पद स्वीकृत हैं। प्रदेश सरकार की ओर से बीते दो साल में की गई 1.24 लाख से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती के बाद कुल

3, 71,610 शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि 73, 711 पद खाली हैं। इनमें से 2,122 पद प्रदेश सरकार और 71,589 पद समग्र शिक्षा के स्कूलों में खाली हैं। इसी प्रकार प्रधानाध्यापकों के 1,34,301 पद स्वीकृत हैं। 81,984 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं और 52,317 पद खाली हैं। इनमें 33,306 पद प्रदेश और 19,011 पद समग्र शिक्षा के स्कूलों में खाली हैं।




केजीबीवी में भी 2715 पद खाली
प्रदेश में 878 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) संचालित हैं। इनमें वार्डन, पूर्णकालिक शिक्षक, अंशकालिक शिक्षक, ऊर्दू शिक्षक, लेखाकार, मुख्य रसोइया, सहायक रसोइया, चपरासी व चौकीदार के कुल 11041 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 2715 पद खाली हैं। मंत्रालय ने इन स्कूलों के बेहतर संचालन के लिए रिक्त पदों को भरने की संस्तुति की है।