लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत डेढ़ लाख से अधिक शिक्षामित्रों का मानदेय आख़िरकार नहीं बढ़ सका है। अनामिका सिंह महानिदेशक की ओर से जिलों को मानदेय का बजट जारी हुआ है, इससे शिक्षामित्रों में नाराजगी है। असल में, अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में एलान किया था।
कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में गांवों में कार्य करने वालों का सरकार मानदेय बढ़ाएंगी और बढ़ा हुआ मानदेय जनवरी 2022 से लागू होगा लेकिन मानदेय का जो आदेश जारी हुआ है उसमें दस हजार मानदेय की शासन की तरफ से ग्रांट जारी किया गया है यानी शिक्षामित्रों का मानदेय जनवरी महीने में भी नहीं बढ़ सका।
इसमें उन्होंने शिक्षामित्रों का भी नाम लिया था, उसके बाद से शिक्षामित्र मानदेय बढ़ने की उम्मीद लगाए थे। ज्ञात हो कि उन्हें इस समय 10 हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान मिल रहा है, चर्चा थी कि शिक्षामित्रों का मानदेय दो हजार रुपये प्रतिमाह बढ़ सकता हैं शुक्रवार को अनामिका सिंह महानिदेशक स्कूली शिक्षा तरफ़ से जारी आदेश में शिक्षामित्रों का दस हजार प्रतिमाह आवंटित किए गए हैं यानी जो दो हजार मानदेय वृद्धि होने वाली थी शिक्षामित्रों के मानदेय में वो नहीं हुई है।
वहीं अनुदेशकों को भी जनवरी का पुराना 7000 प्रतिमाह मानदेय ही दिया जाएगा।