मिर्जापुर।
सोनभद्र जिले के नगवा ब्लाक सरईगढ़ राजकीय बालिका विद्यालय की सामान्य विषय की सहायक अध्यापिका सुमन सिंह व गृह विज्ञान विषय की सहायक अध्यापिका मंजू सिंह की नियुक्ति कथित तौर पर फर्जी पाई गई है। दोनों ने अपनी बुद्धि विवेक और विद्या कूटरचना में खपाया। जेडी के जांच में जो खुलासे हुए हैं, उससे शिक्षा जैसे पवित्र विभाग की चूलें हिल गईं हैं।
तथ्यों के अनुसार वर्ष-2016 में तत्कालीन विंध्याचल मंडल की संयुक्त शिक्षा निदेशक के पटल सहायक के हस्ताक्षर स्कैन कर हुबहू दोनों ने पेस्ट किया है ताकि किसी को जरा भी शक न होने पाए। कार्यालय के डिस्पैच पंजीका के अनुसार डिस्पैच रजिस्टर पर पत्रांक भी अंकित नहीं है। दोनों नियुक्तियों का समय भी लगभग एक ही है। यही नहीं कुढ़ावा व चकमानधाता राजकीय हाईस्कूल भदोही के प्रधानाध्यापकों की आख्या तो और चौंकाने वाले हैं। प्रधानाध्यापक की रिपोर्ट के अनुसार नवम्बर-2021 की आख्या में स्पष्ट है कि सुमन सिंह चकमानधाता जीएचएस में कभी कार्यरत ही नहीं रहीं और न हीं कार्यभार ग्रहण किया। यही कहना कुढ़वा अभोली जीएचएस के प्रधानापिका भी है। यानी प्रधानध्यापक का मुहर बनाकर को कार्यभार ग्रहण भी फर्जी तरीके से कर लिया। अनियमित तरीके से जीएचएस का हस्ताक्षर बनाकर प्रयागराज शिक्षा निदेशालय से ऑनलाइन अपना तबादला सोनभद्र के अति पिछड़े नगवा ब्लाक के सरईगढ़ राजकीय बालिका इंटरमीडिएट कालेज पर करवा लिया। इन सब के पूरा होने के बाद अपनी सेवापुस्तिका, एलपीसी आदि भी हवाहवाई तैयार किया। हवाहवाई अभिलेखों को लेकर सरईगढ़ राजकीय बालिका विद्यालय पर कार्यभार ग्रहण किया। डीआईओएस, वित्त एवं लेखाधिकारी को चकमा देते हुए अपना वेतन जारी करवा लिया। सरईगढ़ राजकीय बालिका विद्यालय की दो अध्यापिकाएं सुमन सिंह सामान्य विषय व गृहविज्ञान की सहायक अध्यापिका मंजू यादव की कहानी एक ही जैसी है।