उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के एक पुराने नियम के कारण सालों से बड़ी मात्रा में कीमती कागज जलाया जा रहा है। आयोग की सभी परीक्षाओं में अनुपस्थित रहने वाले अभ्यर्थियों के लिए भेजी प्रश्न पुस्तिका (बुकलेट) जलवा दी जाती है। आयोग के इस आदेश से सहमत न होते हुए भी केंद्र व्यवस्थापकों को प्रश्नपुस्तिकाएं जलवानी पड़ती हैं।
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परीक्षा केंद्रों पर हर साल लाखों बुकलेट जलाई जाती हैं। इसकी मात्रा का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले साल 24 अक्टूबर को हुई आयोग की सबसे प्रतिष्ठित पीसीएस 2021 प्री में प्रदेश के 31 जिलों में 1505 केंद्रों पर लगभग 3.69 लाख प्रश्नपुस्तिकाएं जलाई गई थी। प्री के लिए 6,91,173 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जिनमें से 3,21,273 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। साफ है कि जितनी प्रश्नपुस्तिकाएं इस्तेमाल हुईं उससे अधिक आग के हवाले की गई थीं। अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी बड़ी संख्या में प्रश्नपुस्तिका जला दी जाती है।
सालों पुराने नियम का कोई ठोस आधार नहीं : बुकलेट जलाने के पीछे कोई ठोस कारण भी नहीं है। क्योंकि यदि ऐसा होता है तो अभ्यर्थी अपने साथ बुकलेट लेकर जाते हैं जिसके चलते गोपनीयता नहीं रह जाती। आयोग के अधिकारी भी इस नियम का कोई ठोस कारण नहीं बता पाते। गाजियाबाद जैसे स्थानों में जलाने के बजाए पानी के टब में डुबोकर नष्ट कराई जाती है।
यूपी बोर्ड में नीलाम होते हैं कॉपी-पेपर
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एशिया की सबसे बड़ी परीक्षा कराने वाला यूपी बोर्ड एक साल के अंदर कॉपियां और केंद्रों से वापस आया प्रश्नपत्र रद्दी नीलाम कर देता है। हर साल क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर से इनका निस्तारण हो जाता है। इससे बोर्ड की कमाई हो जाती है, कागज का फिर से उपयोग होता है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता।
30 से 35महंगा हुआ कागज
कागज की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। लक्ष्मी पेपर हाउस कल्याणी देवी के आशीष मेहरोत्रा के अनुसार पिछले सीजन से इस बार 30 से 35 प्रतिशत कागज के दाम में वृद्धि हुई है। मुख्य रूप से तीन तरह के कागज का उपयोग होता है। राइटिंग/प्रिंटिंग के लिए 80 से 90 रुपये प्रति किलो, मैपलिथो 90 से 100 रुपये प्रति किलो और कोटेड कागज 115 से 120 रुपये प्रति किलोमिलता है।
इनका कहना है
ओएमआर शीट तो वापस मंगा लेते हैं लेकिन प्रश्न पुस्तिकाएं जलवाने का नियम दशकों से है। इसकी बजाय कोई दूसरा रास्ता निकालने पर विचार कर रहे हैं।
अरविंद कुमार मिश्र, परीक्षा नियंत्रक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
आयोग की सभी परीक्षाओं में जिन प्रश्न पुस्तिकाओं का इस्तेमाल नहीं होता उन्हें जला दिया जाता है। निस्तारण का कोई दूसरा रास्ता निकाला जाना चाहिए।
डॉ. इन्दु सिंह, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इंटर कॉलेज