लखनऊ: अगले पांच वर्ष के लिए तो योगी सरकार का लक्ष्य बड़ा है, लेकिन हर क्षेत्र में बदलती तस्वीर सौ दिन में ही दिखा देने की तैयारी है। ईज आफ डूइंग की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश को देश में शीर्ष स्थान पर लाने के लक्ष्य के साथ चल रही सरकार ने तय किया है कि मात्र तीन माह में ही एक बड़ा ऋण मेला लगाकर प्रदेशभर के एक लाख छोटे उद्यमियों को बैंक से लोन दिलाया जाएगा, ताकि अच्छी संख्या में रोजगार-स्वरोजगार के अवसर तैयार हों।
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दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को सौ दिन की कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया। औद्योगिक विकास सेक्टर की कार्ययोजना को योगी स्वीकृति दे चुके हैं। इसमें कई बड़े लक्ष्य हैं। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग की योजनाएं भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री मानते हैं कि पांच वर्ष में रोजगार सृजन के क्षेत्र में एमएसएमई विभाग ने सराहनीय भूमिका निभाई है। आसान शर्तों पर ऋण की उपलब्धता से युवाओं को स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता भी मिल रही है।
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इससे एमएसएमई का निर्यात भी बढ़ा है। ऋण वितरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए अगले पांच वर्ष में बैंकों के सहयोग से क्षेत्र की वार्षिक क्रेडिट को पांच लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने की दिशा में प्रयास करने के लिए अधिकारियों से कहा है। उम्मीद है कि इससे लगभग पांच करोड़ रोजगार के अवसर तैयार होंगे। इससे पहले तीन माह के लिए लक्ष्य तय करते हुए ऋण मेला आयोजित करने का निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डा. नवनीत सहगल ने बताया कि ऋण मेला की तैयारी शुरू कर दी है। विवरण जुटाया जा रहा है कि कितने छोटे उद्यमियों या कारोबारियों ने ऋण के लिए बैंकों में आवेदन किया है। सौ दिन में बड़ा ऋण मेला आयोजित कर ऐसे एक लाख आवेदकों को ऋण दिलाया जाएगा। सहगल का कहना है कि इससे प्रदेश में करीब पांच लाख लोगों को रोजगार-स्वरोजगार मिल जाएगा।