आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख बस 10 दिन दूर है लेकिन अभी भी टैक्स रिटर्न दाखिल करने से जुड़े प्रोफेशनल चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनका दावा है कि वेबसाइट दिन में कुछ बार तो ठीक चलती है लेकिन कई मौकों पर काफी सुस्त हो जाती है। हालांकि आखिरी तारीख नजदीक आते देख रिटर्न फाइल करने वालों की तादाद भी तेज हो रही है।
अब तक 2.25 करोड़ के करीब लोग रिटर्न दाखिल कर चुके हैं। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक टैक्स विभाग के अधिकारी पोर्टल की देख-रेख करने वाली कंपनी इंफोसिस के साथ लगातार संपर्क में है। टैक्स मामलों के विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर ने बताया कि कुछ जगहों पर तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ मामलों में आंकड़ों की एंट्री और फॉर्म को सत्यापित करने जैसी चीजें या तो आंशिक रूप से चल रही हैं या फिर बिल्कुल भी नहीं काम कर रही हैं। इसके अलावा विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों के रिटर्न फाइलिंग में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की वजह चुनने में, ओटीपी आने और ई-वेरिफिकेशन, करदाता की जानकारी रिपोर्ट जनरेट करने में मुश्किल आ रही है।
सूत्रों का ये भी कहना है कि आयकर विभाग के पास रिटर्न की अंतिम तारीख बढ़ाने से जुड़े प्रस्ताव आ रहे हैं लेकिन आयकर विभाग अभी तारीख बढ़ाने के मूड में नहीं है।
सातवें प्रावधान की शर्तें
● जिसने विदेश यात्रा के लिए अपने या किसी के लिए दो लाख से अधिक की राशि या कुल राशि खर्च की हो।
● जिन्होंने बिजली की खपत के लिए एक लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की हो।
● जिन लोगों ने एक या अधिक चालू खातों में एक करोड़ से अधिक राशि जमा की हो।
ऐसे लोगों को मिलती है जुर्माने से राहत
आयकर विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसी शख्स की कुल सकल आय मूल छूट सीमा से अधिक नहीं है, तो उसे देर से आईटीआर दाखिल करते समय जुर्माना नहीं देना होगा। इस मामले में आयकर की धारा 234एफ के तहत कोई विलंब शुल्क नहीं लगता है।
फिर भी आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य
कुछ मामलों में रिर्टन दाखिल
करना अनिवार्य है, भले ही व्यक्ति
की कुल सकल आय मूल छूट सीमा से कम ही हो। अगर कोई व्यक्ति धारा 139(1) के सातवें
प्रावधान में दी गई किसी भी शर्त को पूरा करता है तो अंतिम तिथि तक आईटीआर दाखिल करना होगा।