Exclusive: शिक्षक भर्ती में पकड़ी गई गड़बड़ी लेकिन दब गई जांच, अशासकीय स्कूल में नियुक्ति का मामला

हरिद्वार जिले के नेशनल इंटर कॉलेज धनौरी में शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत पर विभाग ने जांच की। दो साल पहले हुई जांच में चयन प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति किया जाना पाया गया। शिक्षा महानिदेशक ने जांच से शासन को अवगत कराया, लेकिन नियुक्ति में गड़बड़ी मिलने के बाद भी जांच दबकर रह गई।



हरिद्वार जिले के कनखल निवासी धर्मवीर सैनी ने नेशनल इंटर कालेज धनौरी में हुई शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत की थी। शिकायत पर शिक्षा महानिदेशक ने दो सितंबर 2020 को अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल को जांच अधिकारी नामित किया। जांच अधिकारी ने शिक्षा महानिदेशालय को जांच रिपोर्ट सौंपी थी।


नौ नवंबर 2020 को महानिदेशालय को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में कहा गया कि इतिहास के लेक्चरर के पद पर मात्र दो उम्मीदवारों की उपस्थिति पर साक्षात्कार कराते हुए चयन की सिफारिश कर इसे अनुमोदन के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत किया गया। मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार ने प्रकरण का संज्ञान न लेते हुए इतिहास के लेक्चरर के पद के लिए नियम विरुद्ध अनुमोदन कर दिया।

दोषी को बख्शा नहीं जाएगा : शिक्षा महानिदेशक

जांच रिपोर्ट में कहा गया कि शिकायत के अन्य बिंदु निराधार हैं। तत्कालीन शिक्षा महानिदेशक आर मीनाक्षी सुंदरम ने शासन को लिखे पत्र में कहा कि जांच रिपोर्ट शासन को निर्णय के लिए भेजी जा रही है। लेकिन शासन को दो साल पहले भेजी गई नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जांच रिपोर्ट शासन में दबी रह गई। उधर इस संबंध में सचिव रविनाथ रमन से प्रयास के बाद भी संपर्क नहीं किया जा सका। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि शिक्षक भर्ती के इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।  

यह है नियम

अशासकीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए प्रथम सात उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार कर उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। नियम यह है कि साक्षात्कार के लिए कम से कम तीन उम्मीदवार उपस्थित होने चाहिए, लेकिन इस स्कूल में हुई शिक्षक भर्ती में मात्र दो उम्मीदवारों की उपस्थिति के बावजूद नियम विरुद्ध चयन के लिए अनुमोदन किया गया।

चयन समिति और सीईओ को बचाने का आरोप

आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र बालियान ने आरोप लगाया कि इस प्रकरण में शिक्षा विभाग के तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी फंस रहे हैं। यही वजह है कि विभाग चयन समिति और सीईओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि नियुक्ति को रद्द कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

एक और मामले में नहीं हुई कार्रवाई

बीडी इंटर कालेज हरिद्वार में शिक्षिका के अनुभव व वाद-विवाद प्रतियोगिता के प्रमाण पत्र फर्जी मिलने के बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह हाल तब है जबकि विभाग के साथ ही एसआईटी मामले की जांच कर चुकी है।