संजय सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ शिक्षकों को प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती परीक्षा में शामिल होने के आदेश दिए थे। हालांकि 2021 के टीजीटी-पीजीटी विज्ञापन में मात्र 40 तदर्थ शिक्षक (छह प्रवक्ता और 34 सहायक अध्यापक) ही उसमें सफल हो सके थे। भर्ती में असफल होने के बाद नौकरी से बाहर होने पर वर्ष 2000 के बाद से नियुक्त शिक्षकों के समक्ष जीवन-यापन की समस्या पैदा हो गई है।
इस मामले में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में नौ जुलाई को बैठक में
इन शिक्षकों के भरण-पोषण के लिए समुचित प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा गया
था। सात अगस्त 1993 से 30 दिसंबर 2000 तक 979 और वर्ष 2000 के बाद 1111 कुल
2090 शिक्षक दायरे में आ रहे हैं।