Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग, बेसिक शिक्षा मंत्री बोले शिक्षामित्रों के हित में लेंगे निर्णय

 लखनऊ, विधान परिषद बुधवार को समाजवादी पार्टी ने शिक्षामित्रों का मुख उठाया। सपा ने समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि भाजपा सरकार शिक्षमित्रों के साथ सैतेला व्यवहार कर रही है।

न्यायिक प्रक्रिया में शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर हुए समायोजन की उचित नहीं मान था, किंतु उनके सेवाकाल को देखते हुए सरकार मानदेय बढ़ा सकती है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षामित्रों के हित में सरकार निर्णय करेगी। सरकार से कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर सपा सदन से बहिर्गमन कर दिया।



सपा के लाल बिहारी यादव, आशुतोष सिन्हा व द्य मान सिंह यादव ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के रूप में शिक्षामित्रों का मुद्दा उठाया। आशुतोष सिन्हा ने कहा कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति उस समय हुई थी जब शिक्षकों की कमी के कारण बेसिक शिक्षा के स्कूलों में ताले लग

गए थे। शिक्षामित्रों को इस महंगाई में भी मात्र 10 हजार रुपये प्रति  माह मिल रहा है। सरकार अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की छूट दे सकती है। मान सिंह यादव ने कहा कि अब तक चार हजार से अधिक शिक्षमित्र अपनी जान गवां चुके हैं। एक शिक्ष मित्र ने तो अपने खून से सरकार को पत्र लिखा था, फिर भी इस समस्या का हल नहीं निकला। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने कहा कि मिशन कायाकल्प से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदल गई है। उन्होंने विभाग की कई और उपलब्धियां गिनाई तो सपा सदस्य खड़े हो गए और कहा कि सरकार शिक्षामित्रों के मुद्दे को भटका रही है। हम सरकार की उपलब्धियां सुनने नहीं आए हैं। सपा सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन कर दिया। सपा सदस्यों के बाहर जाने के बाद मंत्री संदीप सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश पर ही सहायक अध्यापक से वापस शिक्षामित्र बनाए गए हैं। कुल 1.37 लाख शिक्षामित्रों में सहायक अध्यापक की अर्हता रखने वाले 15240 का समायोजन किया गया था। शेष शिक्षामित्रों को 3500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार इनके हित में निर्णय करेगी।

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates

Random Posts