उत्तर प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुपात में मानक से अधिक कार्यरत शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में समायोजित करने की तैयारी तेज हो गई है।
शासन ने प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए मंडल व प्रदेश स्तर पर कमेटी बना दी गई है। यह कमेटी समायोजन के प्रकरणों पर विचार करेगी। प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जारी आदेश में समायोजन प्रक्रिया 20 नवंबर 1976 को जारी शासनादेश के अनुसार करने को कहा गया है।मंडल स्तर पर गठित समिति की सिफारिश पर जिले में डीआईओएस व मंडल स्तर पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के स्तर से समायोजन होगा। मंडल स्तर पर पद की उपलब्धता अथवा अनुपलब्धता की स्थिति में प्रदेश स्तर पर गठित समिति की संस्तुति पर अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) समायोजन की कार्यवाही करेंगे। जिन संस्थाओं में न्यूनतम जरूरत से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं, वहां सरप्लस शिक्षक का निर्धारण अंतिम आगत, प्रथम जावत के आधार पर होगा। यानी जिस शिक्षक ने विद्यालय में बाद में कार्यभार ग्रहण किया है, उसे पहले सरप्लस घोषित किया जाएगा। हालांकि इसमें गंभीर बीमारियों व दिव्यांगता के अलावा सैन्य परिवारों को समायोजन में रियायत की भी व्यवस्था की गई है।
ऐसे बनेगी समितिप्रदेश स्तरीय समिति : शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) की अध्यक्षता में बनेगी। इसमें वित्त नियंत्रक (मा.) शिक्षा निदेशालय प्रयागराज, संयुक्त शिक्षा निदेशक (अर्थ) व उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) सदस्य होंगे। संबंधित मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक सदस्य/सचिव होंगे।
मंडल स्तरीय समिति : संबंधित मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अध्यक्ष होंगे। मंडलायुक्त का प्रतिनिधि, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक (मा.) व मंडलीय लेखाधिकारी (कार्यालय संयुक्त शिक्षा निदेशक) सदस्य और संबंधित डीआईओएस सदस्य/सचिव होंगे।