40 साल बाद शहरी स्कूलों को मिलेंगे शिक्षक, जगी उम्मीद

 गोंडा। 40 साल के लंबे अंतराल के बाद शहरी क्षेत्र में संचालित बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त चल रहे पदों पर नई तैनाती की उम्मीद जगी है। नगर क्षेत्रों के 28 स्कूलों में शिक्षकों की व्याप्त कमी के

कारण पठन पाठन प्रभावित चल रहा है। इसका सीधा फायदा निजी स्कूलों के संचालक उठा रहे हैं। नई तैनाती न होने से 28 शहरी सरकारी स्कूलों में बीते लंबे समय से सिर्फ 23 शिक्षक ही तैनात हैं। इनमें से पांच स्कूल तो सिर्फ शिक्षामित्रों के सहारे ही हैं।




शहरी स्कूलों में शिक्षकों का चयन 1982 में जारी एक आदेश के बाद से बंद पड़ा है। इसके बाद से इन विद्यालयों में बतौर शिक्षक सिर्फ मृतक आश्रित की ही नियुक्ति हुई है। इससे शहरी क्षेत्र में संचालित परिषदीय स्कूलों की पढ़ाई बेपटरी चल रही है। बीते 40 सालों में प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्तियां तो बड़े पैमाने पर हुईं, लेकिन शहरी काडर अलग होने से शिक्षकों की नियुक्ति नगर के स्कूलों में नहीं हो सकीं। वहीं हर साल कार्यरत शिक्षक सेवानिवृत्त होते गए। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले के 28 स्कूलों में 64 शिक्षकों के सापेक्ष सिर्फ 23 शिक्षक ही तैनात हैं। शिक्षकों की इस कमी का सीधा खामियाजा शहरी स्कूलों में पंजीकृत 4980 बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।


इस परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए बीते दिनों महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने शासन को शहरी स्कूलों में शिक्षकों के नियुक्ति का एक प्रस्ताव भेजा है। इसके तहत जो शिक्षक ग्रामीण स्कूलों में दस साल की सेवा दे चुके हैं, उन्हें शहरी स्कूलों में नियुक्ति पाने का मौका मिलेगा। इससे उम्मींद जगी है कि आने वाले दिनों में शहरी क्षेत्र संचालित परिषदीय स्कूलों में रिक्त चल रहे शिक्षकों के पद जल्द ही भर सकेंगे।
शिक्षकों की कमी से चौपट हुई पढ़ाई
शहरी क्षेत्र में संचालित परिषदीय स्कूलों में 40 साल से शिक्षकों के नियुक्ति पर रोक लगी होने के कारण पैदा हुई शिक्षकों की कमी से पढ़ाई लिखाई चौपट होने की कगार पर है। शिक्षकों की कमी के कारण वर्तमान में इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इन स्कूलों में तैनात बचे हुए शिक्षक भी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में फंसे रहते हैं। इसी कारण शहरी क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में बच्चों की पंजीयन संख्या लगातार घट रही है। शिक्षक नेता विनय तिवारी बताते हैं कि यदि शहरी स्कूूलों में शिक्षक तैनात होते तो बच्चों की पंजीयन संख्या का आंकड़ा 20 हजार के पार तक होता।


शहरी स्कूल एक नजर
स्कूलों की संख्या - 28
शिक्षकों की संख्या - 23
शिक्षा मित्रों की संख्या - 21
अनुदेशकों की संख्या - 6
पंजीकृत छात्रों की संख्या - 4980
नगर क्षेत्र में संचालित परिषदीय स्कूलों में बीते लंबे समय से शिक्षकों की तैनाती न होने से परेशानी चल रही है। इससे बच्चों के पठन पाठन से जुड़े कार्य में भी दिक्कतें हो रही है। इससे राहत दिलाने के लिए शासन स्तर से जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन कर शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित कराई जाएगी। अखिलेश प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी