यूपी के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 1 लाख 20 हजार से ज्यादा सहायक अध्यापकों की भर्ती की जा चुकी हैं जबकि माध्यमिक स्कूलों में 44 हजार से ज्यादा टीचर तैनात हैं। योगी सरकार ने 5 साल के अपने पहले कार्यकाल में 1 लाख 64 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती का दावा किया हैं।
वही जल्द ही बड़े पैमाने पर और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की बात कही जा रही है। इसके लिए कुछ दिन पहले ही शासन स्तर पर शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा तलब किया गया है।
यह हुआ है बदलाव -
2017 के बाद से प्रदेश में 1 लाख 64 हजार से अधिक अध्यापकों को तैनाती की गई है। योगी सरकार ने पिछले 5 साल में सिर्फ माध्यमिक विद्यालयों में 44 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की है जबकि साल 2003 से लेकर 2017 के बीच पूर्ववर्ती सरकार 15 साल में माध्यमिक विद्यालयों में महज 33 हजार ही शिक्षकों की भर्ती की गई थी।
योगी सरकार ने राजकीय विद्यालयों और सहायता प्राप्त विद्यालय में 33 हजार से अधिक सहायक अध्यापकों को नियुक्ति दी है। इसके साथ ही 6 हजार से अधिक पद पर प्रवक्ता और 8 सौ से अधिक प्रधानाचार्यों की नियुक्ति की है।
ऑनलाइन परीक्षा व्यवस्था से पारदर्शी हुई भर्ती प्रक्रिया
प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन परीक्षा व्यवस्था संपन्न कराई गई। वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा के लिए करीब 6 लाख अध्यापक, शिक्षामित्र और अनुदेशक कार्यरत हैं।
इतना ही नहीं छात्र संख्या के मानक के आधार पर अध्यापकों को विद्यालय में तैनाती की व्यवस्था लगातार की जा रही है। योगी सरकार ने 5 साल में 1 हाजर 270 डायट प्रवक्ता, 34 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, 45 वरिष्ठ प्रवक्ता और 309 खंड शिक्षा अधिकारी तैनात किए हैं।