लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही यूपी में शिक्षकों की बंपर भर्ती की तैयारी कर रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से प्रदेश भर में शिक्षकों के खाली पदों की डिटेल मांगी गई है। ये यूपी में योगी सरकार 2.0 की पहला भर्ती अभियान होगा। इससे पहले योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में कुल 1 लाख 64 हजार से अधिक अध्यापकों की भर्ती की गई थी। इसमें प्राथमिक विद्यालयों में 1 लाख 20 हजार से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती की गई, जबकि माध्यमिक विद्यालयों में 44 हजार से अधिक अध्यापकों को तैनाती दी गई।
वर्ष 2017 में सूबे की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने के साथ शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति के आदेश दिए थे। इसके बाद पांच साल में प्रदेश में 1 लाख 64 हजार से अधिक अध्यापकों को तैनाती दी गई है। इसमें माध्यमिक विद्यालयों में 44 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की। इससे पहले वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2017 के बीच 15 सालों में माध्यमिक विद्यालयों में 33 हजार ही शिक्षकों की भर्ती की गई थी। योगी सरकार ने राजकीय विद्यालयों और सहायता प्राप्त विद्यालय में 33 हजार से अधिक सहायक अध्यापकों को नियुक्ति दी, साथ ही 6000 से अधिक पद पर प्रवक्ता और 8 सौ से अधिक प्रधानाचार्यों की नियुक्ति की।
सरकार ने प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन परीक्षा व्यवस्था को अपनाया। इस समय परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा के लिए करीब 6 लाख अध्यापक, शिक्षामित्र और अनुदेशक कार्यरत हैं। सरकार अब छात्र संख्या के मानक के आधार पर अध्यापकों को विद्यालय में तैनाती की व्यवस्था कर रही। योगी सरकार ने पांच वर्षों में 1270 डायट प्रवक्ता, 34 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, 45 वरिष्ठ प्रवक्ता और 309 खंड शिक्षा अधिकारी तैनात किए हैं।