NPS सब्सक्राइबर्स दें ध्यान! फंड एलोकेशन को लेकर बदल गया ये नियम, देखें PFRDA द्वारा जारी सर्कुलर

 अब सब्सक्राइबर्स 51 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद एक्टिव चॉइस के तहत टियर-1 अकाउंट में अपना 75 फीसदी फंड इक्विटी में डाल सकेंगे. इसके लिए उन्हें अपना अंशदान कम करने जैसी कोई शर्त मानने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा.


नेशनल पेंशन सिस्टम का नियमन देखने वाली संस्था पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने टियर-1 और टियर-2 अकाउंट्स के लिए इक्विटी अकाउंट अलोकेशन का नियम बदल दिया है. एक नए सर्कुलर में नए नियम की जानकारी दी गई है. एनपीएस के तहत सब्सक्राइबर्स को इक्विटी एलोकेशन के लिए 2 ऑप्शन मिलते हैं- ऑटो चॉइस और एक्टिव चॉइस. नए नियम के मुताबिक, अब सब्सक्राइबर्स 51 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद एक्टिव चॉइस के तहत टियर-1 अकाउंट में अपना 75 फीसदी फंड इक्विटी में डाल सकेंगे. इसके लिए उन्हें अपना अंशदान कम करने जैसी कोई शर्त मानने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा.

PFRDA ने 20 अक्टूबर, 2022 को जारी किए गए इस सर्कुलर में बताया है कि इसके अलावा, सब्सक्राइबर्स को एक्टिव चॉइस के तहत टियर-2 अकाउंट्स में 100 फीसदी फंड असेट क्लास E (इक्विटी) में ट्रांसफर करने का ऑप्शन भी दे दिया गया है.

अभी जो मौजूदा नियम है, उसके हिसाब से एनपीएस सब्सक्राइबर्स को कोई भी एक रजिस्टर्ड पेंशन फंड चुनना होता है, फिर एक्टिव चॉइस ऑप्शन के तहत चार असेट क्लास- इक्विटी (E), कॉरपोरेट बॉन्ड्स (C), सरकारी सिक्योरिटी (G), और अल्टरनेट असेट्स (A), के तहत पार्क करना होता है.

इन असेट क्लास के तहत एलोकेशन के लिए मैक्सिमम लिमिट कुछ ऐसे है-

असेट क्लास G (सरकारी प्रतिभूति)- 100%
असेट क्लास C (कॉरपोरेट बॉन्ड्स)- 100%
असेट क्लास E (इक्विटी)- 75%
असेट क्लास A (अल्टनेट असेट्स)- 5%लेकिन मौजूदा नियम के मुताबिक, इक्विटी में जो 75% की लिमिट है, वो हर साल 2.5% की दर से घटने लगती है और जब सब्सक्राइबर 51 साल का हो जाता है तो ये सरकारी सिक्योरिटी में री-एलोकेट हो जाता है.
PFRDA ने सलाह दी है कि “इन्वेस्टमेंट स्कीम या असेट क्लास चुनने से पहले सब्सक्राइबर्स को असेट क्लास की परफॉर्मेंस और रिस्क का आकलन करना चाहिए. और स्कीम के रिस्क प्रोफाइल के मुताबिक निवेश का ऑप्शन चुनना चाहिए.”