प्रयागराज : सरकारी प्राथमिक विद्यालयों और सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल में शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के 7842 पदों पर भर्ती की अड़चनें सात दिन में दूर हो जाएंगी। 12460 शिक्षक भर्ती में रिक्त 5948 और जूनियर एडेड के 1894 पदों के विवाद हाईकोर्ट में लंबित हैं और दोनों ही मामलों में अंतिम सुनवाई अगले सात दिनों में होनी है।
जूनियर हाईस्कूलों में भर्ती की खुलेगी राह
प्रदेश के 3049 एडेड जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 390 और सहायक अध्यापकों के 1504 पदों पर भर्ती की राह खुलेगी। इस भर्ती के परिणाम को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं की थीं। इस मामले की अंतिम सुनवाई गुरुवार को हाईकोर्ट में होनी है। यदि कोर्ट से हरी झंडी मिल जाती है तो रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों ने ऑनलाइन आवेदन के लिए एनआईसी से बात भी कर ली है।
69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक देने के आदेश के अनुपालन का कोर्ट ने मांगा हलफनामा
प्रयागराज : हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति की मांग से जुड़ी अवमानना याचिका पर राज्य सरकार से अनुपालन हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने याचियों को एक अंक देने के आदेश के अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने करुणेंद्र चौहान और अन्य कई अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल अवमानना याचिकाओं पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी एवं राहुल कुमार मिश्र को सुनकर दिया है। कोर्ट ने 25 अगस्त 2021 व 20 दिसंबर 2021 को और लखनऊ बेंच ने नौ मई 2020 को परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा जारी गलत उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर याचियों को एक नंबर देने का निर्देश दिया था।
12460 भर्ती में भी शून्य जनपद विवाद का निपटारा 13 फरवरी तक होने की उम्मीद
परिषदीय स्कूलों में 15 दिसंबर 2016 को शुरू हुई 12460 सहायक अध्यापक भर्ती में तकरीबन पांच साल से चले आ रहे शून्य जनपद के विवाद का निपटारा 13 फरवरी को होने की उम्मीद है। इस भर्ती में प्रदेश के 75 में से 24 जिलों में एक भी पद रिक्त नहीं था। इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों को किसी भी एक अन्य जनपद में आवेदन करने की छूट थी, हालांकि जिन 51 जिलों में रिक्त पद थे वहां से बीटीसी करने वाले अभ्यर्थियों ने यह कहते हुए कोर्ट में याचिका कर दी कि भर्ती में उनको प्राथमिकता मिलनी चाहिए भले ही अभ्यर्थियों की मेरिट अधिक क्यों न हो।