विधानसभा में SIR को लेकर उठा जवाबदेही और सुरक्षा का मुद्दा
लखनऊ।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुए बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) को अब सरकारी कर्मियों के समान सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।
सरकार के इस आश्वासन को बीएलओ ड्यूटी के दौरान होने वाली घटनाओं के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
SIR के दौरान मौतों का मुद्दा सदन में उठा
कांग्रेस विधायक आरधना मिश्रा मोना ने सदन में ध्यान दिलाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य के दौरान प्रदेश में अब तक 10 बीएलओ की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने इस स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि—
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SIR कार्य में अत्यधिक जल्दबाजी दिखाई जा रही है
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वर्ष 2003 में हुए SIR के दौरान मतदाता सूची में नाम जोड़े गए थे, न कि हटाए गए
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वर्तमान SIR में नाम जोड़ने के बजाय हटाने की प्रक्रिया अधिक देखी जा रही है
प्रशासनिक लापरवाही का आरोप
कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि—
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बीएलओ की मौतें प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम हैं
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इस मामले में जवाबदेही तय की जानी चाहिए
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फील्ड ड्यूटी के दौरान बीएलओ की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यभार पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया
उन्होंने सरकार से इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से समीक्षा करने की मांग की।
सरकार की ओर से क्या कहा गया?
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन को आश्वस्त किया कि—
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ड्यूटी के दौरान मृत बीएलओ को सरकारी कर्मियों की तरह सुविधाएं दी जाएंगी
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सरकार इस विषय को संवेदनशीलता के साथ देख रही है
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भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदमों पर विचार किया जाएगा
निष्कर्ष
विधानसभा में हुई इस चर्चा से यह स्पष्ट है कि SIR जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों के दौरान फील्ड स्टाफ की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों गंभीर हैं। मृत बीएलओ को सरकारी कर्मियों के समान सुविधाएं देने का निर्णय उनके परिवारों के लिए राहत भरा कदम माना जा रहा है। साथ ही, कार्यप्रणाली और जवाबदेही को लेकर आगे और सुधार की अपेक्षा भी जताई जा रही है।