•निजी स्कूलों में दाखिला लेने का बढ़ रहा है चलन
•उत्तर प्रदेश और बिहार में अध्यापकों की कमी सबसे ज्यादा
•उत्तर प्रदेश और बिहार में अध्यापकों की कमी सबसे ज्यादा
नई दिल्ली। देश के सरकारी सेकेंडरी स्कूलों में पांच लाख से ज्यादा
अध्यापकों की कमी है। सेकेंडरी स्कूलों में अध्यापकों के खाली पदों की यह
संख्या मानव संसाधन मंत्रालय का सिर्फ आंकड़ा भले हो मगर इसका सीधा मतलब ये
है कि अगर एक अध्यापक 40 छात्रों को पढ़ाता है तो उस हिसाब से देश में
लगभग दो करोड़ से ज्यादा छात्र रोजाना पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं।