गुनाहगार
न नौकरी के काबिल , न वेतन के काबिल , न पेंशन का हक़दार है,
सब के सब दूध के धुले हैं यहाँ , बस एक शिक्षक ही गुनाहगार है।
न नौकरी के काबिल , न वेतन के काबिल , न पेंशन का हक़दार है,
सब के सब दूध के धुले हैं यहाँ , बस एक शिक्षक ही गुनाहगार है।