प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ा रहे अनुदेशकों के भी 2.5 अंक प्रति वर्ष के हिसाब से भारांक (वेटेज) देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व अन्य से जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अनूप कुमार और 20 अन्य अनुदेशकों की याचिकाओं पर अधिवक्ता उदय नारायण खरे को सुनकर दिया है।
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अब अनुदेशकों ने शिक्षामित्रों के बराबर मांगा भारांक
प्रयागराज : 69000 शिक्षक भर्ती में अनुदेशकों को शिक्षामित्रों के बराबर 2.5 अंक प्रति वर्ष न दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अनुदेशकों की तरफ से याचिका दाखिल की गयी है।
69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा: भर्ती गिरोह के सरगना डॉ. केएल पटेल की संपत्ति की होगी जांच
प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सरगना डॉ. केएल पटेल की संपत्ति भी एसटीएफ के निशाने पर आ गई है। एसटीएफ के अधिकारी विवेचना के साथ यह भी पता लगा रहे हैं कि सरगना के पास कहां-कहां और कितनी चल व अचल संपत्ति है। आर्थिक स्रोत व बैंक खातों की भी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उस पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके।
69000 शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े के आरोपी दुर्गेश की तलाश में पुलिस घनचक्कर, प्रतापगढ़ और भदोही में एसटीएफ ने की छापेमारी
दुर्गेश की तलाश में पुलिस घनचक्कर
शिक्षामित्र व अनुदेशकों के बनवाएं परिचय पत्र
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा विभाग अब परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को भी परिचय पत्र निर्गत करेगा। परिषदीय शिक्षकों को परिचय पत्र देने का आदेश फरवरी माह में ही हो चुका है। सभी के परिचय पत्र 20 जून तक बनवाने का आदेश हुआ है।
69000 शिक्षक भर्ती: अमिताभ ठाकुर ने एसटीएफ को दिए साक्ष्य
शिक्षक भर्ती: अमिताभ ठाकुर ने एसटीएफ को दिए साक्ष्य
69000 शिक्षक भर्ती फॉर्म में संशोधन के लिए मांगा मौका
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के फॉर्म में -प्राप्तांक समेत अन्य गलतियां करने वाले अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
सितंबर तक स्कूल-कॉलेज न खुलें, ऐसी वैज्ञानिकों की सलाह:- अमेरिकी संस्था अपशॉट के सर्वे में खुलासा
दुनियाभर की सरकारों, शिक्षा संस्थान, अभिभावकों के बीच यह बहस चल रही है कि बच्चों की पढ़ाई शुरू कराने के लिए स्कूल-कॉलेज कब खोले जाएं। भारत सहित कई देशों में तो “नो वैक्सीन नो स्कूल' अभियान भी चल रहा है। एक राय यह भी है कि इसका निर्णय भी शोधकर्ता करें। लिहाजा अमेरिका में शीर्ष वैज्ञानिकों के बीच ही रायशुमारी कराई गई, जिसमें करीब 70 फीसदी सितंबर-अक्तूबर से पहले स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं
हैं। उनकी सलाह है कि फिलहाल स्कूल-कॉलेज जल्दी खोलना बच्चों के लिए खतरनाक है।
हैं। उनकी सलाह है कि फिलहाल स्कूल-कॉलेज जल्दी खोलना बच्चों के लिए खतरनाक है।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में चंद्रमा यादव के स्कूल से हुआ था पेपर आउट, 50 से अधिक अभ्यर्थियों को नकल कराई
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में वांछित स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव ने अपने स्कूल से ही पेपर आउट कराया था। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ की अब तक की जांच में पता चला है कि इसके बाद डॉ कृष्ण लाल पटेल ने सॉल्वर गैंग से पेपर को हल कराया और फिर 50 अभ्यर्थियों को नकल कराई गई थी। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव की तलाश में लगी एसटीएफ उस पर इनाम घोषित कराने जा रही है।
अनामिका शुक्ला प्रकरण:- फर्जी शिक्षक भर्ती गैंग का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अनामिका शुक्ला प्रकरण में फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में नौकरी दिलाने वाले गैंग का पर्दाफाश कर दिया है। एसटीएफ ने गैंग के तीन सदस्यों को सोमवार को लखनऊ में शहीद पथ के नीचे से गिरफ्तार किया है।
तीनों बेसिक शिक्षा विभाग में ही अलग-अलग जिलों में कार्यरत हैं। इस गैंग के जरिए मुहैया कराए गए दस्तावेजों के सहारे नौ जिलों प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, बागपत, कासगंज, सहारनपुर, अंबेडकरनगर व अलीगढ़ जिले में केजीबीवी में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्तियां हुई थीं। बेसिक शिक्षा विभाग में ही कार्यरत हैं तीनों अभियुक्त एसटीएफ ने फर्रूखाबाद जिले के कुंवरखास में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत पुष्पेन्द्र सिंह, जौनपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत आनंद तथा जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय हरदोई में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत रामनाथ को गिरफ्तार किया है। पुष्पेन्द्र पुत्र महराम सिंह मैनपुरी जिले के भोगांव थाना क्षेत्र स्थित नगला खराव का निवासी है। उसे राज उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है। आनंद पुत्र राम समुझ सिंह जौनपुर जिले के लाइन बाजार थाना क्षेत्र स्थित वाजिदपुर दक्षिणी के 168 एफ गौरीशंकर वाटिका का रहने वाला है। इसी तरह रामनाथ पुत्र पूरन लाल मूल रूप से लखीमपुर खीरी जिले के मैगलगंज थाना क्षेत्र स्थित लिधिया गांव का रहने वाला है। रामनाथ वर्तमान में हरदोई के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पाली से संबद्ध है। तीनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक ड्राइविंग लाइसेन्स, एक आधार कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक लाइसेंसी पिस्टल 7.65 एमएम, सात जिन्दा कारतूस तथा 1180 रुपये नकद बरामद हुए हैं। कासगंज में प्रिया की गिरफ्तारी से मिला सुराग कासगंज जिले में केजीबीवी में अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी कर रही प्रिया पुत्री महिपाल जाटव की गिरफ्तारी के बाद पुष्पेन्द्र और उसके भाई जसवंत का नाम सामने आया। कासगंज जिले के सोरों थाने की पुलिस ने सबसे पहले पुष्पेन्द्र के भाई जसवंत को गिरफ्तार किया। वह विभव कुमार पुत्र विनोद जाटव के नाम से कन्नौज के प्राथमिक विद्यालय बरौली में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत था। इसी तरह अलीगढ़ जिले के पाली थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक अन्य फर्जी शिक्षिका बबली पत्नी हरिओम ने भी पूछताछ में बताया कि उसे पुष्पेन्द्र और उसके भाई जसवंत के माध्यम से अनामिका शुक्ला नाम का फर्जी शैक्षिक दस्तावेज मिला था। इन अभिलेखों के आधार पर उससे अलीगढ़ के केजीबीवी बिजौली में नियुक्ति मिली थी। पुष्पेन्द्र को जौनपुर से मिले थे अनामिका के शैक्षिक अभिलेखगिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुष्पेन्द्र ने एसटीएफ को बताया कि वह खुद सुशील पुत्र गुलाब चन्द्र निवासी कुंवरपुर खास के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर काम कर रहा था। वर्ष 2010 वह प्रधान लिपिक रामनाथ के सम्पर्क में आया था। रामनाथ के सहयोग से उसने अंजली पुत्री राम खिलाड़ी नाम की महिला को केजीबीवी नियुक्ति कराई थी। अंजली की समयावधि पूर्ण होने पर उसे वार्डन के पद पर भी नियुक्त करवाया। इसके बाद उसने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से कूटरचित दस्तावेज के आधार पर कन्नौज में नियुक्त कराया था। रामनाथ के माध्यम से ही उसकी आनन्द से मुलाकात हुई थी। आनंद की पत्नी शोभा तिवारी जौनपुर में जिला समन्ययक बालिका शिक्षा के पद पर नियुक्त है। जौनपुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र व शैक्षिक दस्तावेज आनंद की अभिरक्षा में रहते हैं। आनंद के माध्यम से वर्ष 2019 में अनामिका शुक्ला के शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां उसे मिलीं। इन शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां उसने रामनाथ को दीं। फिर इन्हीं दस्तावेजों के सहारे बब्ली पत्नी हरिओम निवासी रसूलाबाद जिला कानपुर देहात को अलीगढ, बब्ली की ननद सरिता को प्रयागराज, दीप्ती को वाराणसी तथा प्रिया को कासगंज में केजीबीवी में अनामिका शुक्ला के नाम से नियुक्त कराया। इन सभी से उसने दो-दो लाख रुपये लिए। इसके अलावा रीना व अन्य महिला अभ्यार्थियों को भी अनामिका शुक्ला के नाम से सहारनपुर, बागपत, रायबरेली, अमेठी व अंबेडकरनगर में नियुक्त कराया गया। पुष्पेन्द्र ने बताया कि आनंद ने उसे प्रीति यादव पुत्री लाल बहादुर यादव ग्राम व पोस्ट शाहपुर सिकरारा जिला जौनपुर के भी शैक्षिक प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए। आनंद ने बताया था कि प्रीति ने वर्ष 2017 में केजीबीवी जौनपुर में नौकरी के लिए आवेदन किया था। प्रीति के अभिलेखों का उपयोग कर उसने जौनपुर व आजमगढ़ में दो फर्जी शिक्षिकाओं की नियुक्ति केजीबीवी में कराई है। गोण्डा में होगी आगे की विवेचना एसटीएफ ने सभी अभियुक्तों को गोण्डा के कोतवाली नगर थाने को सौंप दिया है। गोण्डा जिले के खरगूपुर थाना क्षेत्र स्थित भुलईडीह गांव की रहने वाली अनामिका शुक्ला पुत्री सुभाष चन्द्र शुक्ला ने 11 जून को इसी थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 व 474 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसी मुकदमे की विवेचना शासन ने एसटीएफ को सौंप दी थी। अनामिका का कहना था कि उन्होंने केजीबीवी में संविदा शिक्षक पद के लिए वर्ष 2017 में सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, बस्ती व लखनऊ जिले में आवेदन किया था। इसमें सुल्तानुपर, जौनपुर व लखनऊ से काउन्सिलिंग के लिए उनके पास कॉल आई थी। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से वह काउंसलिंग में प्रतिभाग नहीं कर सकी थीं। अब उसके शैक्षिक दस्तावेज का दुरुपयोग कर विभिन्न जिलों में में अनामिका शुक्ला नाम से फर्जी तरीके से चयनित होकर मानदेय आहरित किया जा रहा है।

तीनों बेसिक शिक्षा विभाग में ही अलग-अलग जिलों में कार्यरत हैं। इस गैंग के जरिए मुहैया कराए गए दस्तावेजों के सहारे नौ जिलों प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, बागपत, कासगंज, सहारनपुर, अंबेडकरनगर व अलीगढ़ जिले में केजीबीवी में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्तियां हुई थीं। बेसिक शिक्षा विभाग में ही कार्यरत हैं तीनों अभियुक्त एसटीएफ ने फर्रूखाबाद जिले के कुंवरखास में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत पुष्पेन्द्र सिंह, जौनपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत आनंद तथा जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय हरदोई में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत रामनाथ को गिरफ्तार किया है। पुष्पेन्द्र पुत्र महराम सिंह मैनपुरी जिले के भोगांव थाना क्षेत्र स्थित नगला खराव का निवासी है। उसे राज उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है। आनंद पुत्र राम समुझ सिंह जौनपुर जिले के लाइन बाजार थाना क्षेत्र स्थित वाजिदपुर दक्षिणी के 168 एफ गौरीशंकर वाटिका का रहने वाला है। इसी तरह रामनाथ पुत्र पूरन लाल मूल रूप से लखीमपुर खीरी जिले के मैगलगंज थाना क्षेत्र स्थित लिधिया गांव का रहने वाला है। रामनाथ वर्तमान में हरदोई के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पाली से संबद्ध है। तीनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक ड्राइविंग लाइसेन्स, एक आधार कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक लाइसेंसी पिस्टल 7.65 एमएम, सात जिन्दा कारतूस तथा 1180 रुपये नकद बरामद हुए हैं। कासगंज में प्रिया की गिरफ्तारी से मिला सुराग कासगंज जिले में केजीबीवी में अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी कर रही प्रिया पुत्री महिपाल जाटव की गिरफ्तारी के बाद पुष्पेन्द्र और उसके भाई जसवंत का नाम सामने आया। कासगंज जिले के सोरों थाने की पुलिस ने सबसे पहले पुष्पेन्द्र के भाई जसवंत को गिरफ्तार किया। वह विभव कुमार पुत्र विनोद जाटव के नाम से कन्नौज के प्राथमिक विद्यालय बरौली में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत था। इसी तरह अलीगढ़ जिले के पाली थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक अन्य फर्जी शिक्षिका बबली पत्नी हरिओम ने भी पूछताछ में बताया कि उसे पुष्पेन्द्र और उसके भाई जसवंत के माध्यम से अनामिका शुक्ला नाम का फर्जी शैक्षिक दस्तावेज मिला था। इन अभिलेखों के आधार पर उससे अलीगढ़ के केजीबीवी बिजौली में नियुक्ति मिली थी। पुष्पेन्द्र को जौनपुर से मिले थे अनामिका के शैक्षिक अभिलेखगिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुष्पेन्द्र ने एसटीएफ को बताया कि वह खुद सुशील पुत्र गुलाब चन्द्र निवासी कुंवरपुर खास के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर काम कर रहा था। वर्ष 2010 वह प्रधान लिपिक रामनाथ के सम्पर्क में आया था। रामनाथ के सहयोग से उसने अंजली पुत्री राम खिलाड़ी नाम की महिला को केजीबीवी नियुक्ति कराई थी। अंजली की समयावधि पूर्ण होने पर उसे वार्डन के पद पर भी नियुक्त करवाया। इसके बाद उसने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से कूटरचित दस्तावेज के आधार पर कन्नौज में नियुक्त कराया था। रामनाथ के माध्यम से ही उसकी आनन्द से मुलाकात हुई थी। आनंद की पत्नी शोभा तिवारी जौनपुर में जिला समन्ययक बालिका शिक्षा के पद पर नियुक्त है। जौनपुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र व शैक्षिक दस्तावेज आनंद की अभिरक्षा में रहते हैं। आनंद के माध्यम से वर्ष 2019 में अनामिका शुक्ला के शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां उसे मिलीं। इन शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां उसने रामनाथ को दीं। फिर इन्हीं दस्तावेजों के सहारे बब्ली पत्नी हरिओम निवासी रसूलाबाद जिला कानपुर देहात को अलीगढ, बब्ली की ननद सरिता को प्रयागराज, दीप्ती को वाराणसी तथा प्रिया को कासगंज में केजीबीवी में अनामिका शुक्ला के नाम से नियुक्त कराया। इन सभी से उसने दो-दो लाख रुपये लिए। इसके अलावा रीना व अन्य महिला अभ्यार्थियों को भी अनामिका शुक्ला के नाम से सहारनपुर, बागपत, रायबरेली, अमेठी व अंबेडकरनगर में नियुक्त कराया गया। पुष्पेन्द्र ने बताया कि आनंद ने उसे प्रीति यादव पुत्री लाल बहादुर यादव ग्राम व पोस्ट शाहपुर सिकरारा जिला जौनपुर के भी शैक्षिक प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए। आनंद ने बताया था कि प्रीति ने वर्ष 2017 में केजीबीवी जौनपुर में नौकरी के लिए आवेदन किया था। प्रीति के अभिलेखों का उपयोग कर उसने जौनपुर व आजमगढ़ में दो फर्जी शिक्षिकाओं की नियुक्ति केजीबीवी में कराई है। गोण्डा में होगी आगे की विवेचना एसटीएफ ने सभी अभियुक्तों को गोण्डा के कोतवाली नगर थाने को सौंप दिया है। गोण्डा जिले के खरगूपुर थाना क्षेत्र स्थित भुलईडीह गांव की रहने वाली अनामिका शुक्ला पुत्री सुभाष चन्द्र शुक्ला ने 11 जून को इसी थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 व 474 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसी मुकदमे की विवेचना शासन ने एसटीएफ को सौंप दी थी। अनामिका का कहना था कि उन्होंने केजीबीवी में संविदा शिक्षक पद के लिए वर्ष 2017 में सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, बस्ती व लखनऊ जिले में आवेदन किया था। इसमें सुल्तानुपर, जौनपुर व लखनऊ से काउन्सिलिंग के लिए उनके पास कॉल आई थी। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से वह काउंसलिंग में प्रतिभाग नहीं कर सकी थीं। अब उसके शैक्षिक दस्तावेज का दुरुपयोग कर विभिन्न जिलों में में अनामिका शुक्ला नाम से फर्जी तरीके से चयनित होकर मानदेय आहरित किया जा रहा है।
69000 शिक्षक भर्ती का बड़ा खुलासा : मोस्ट वांटेड चंद्रमा यादव के स्कूल से आउट हुआ था पेपर, सॉल्वर ने बताए थे सारे उत्तर
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में मोस्ट वांटेड स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव ने अपने स्कूल से ही पेपर आउट कराया था। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ की अब तक की जांच में पता चला है कि इसके बाद डॉ कृष्ण लाल पटेल ने सॉल्वर गैंग से पेपर को हल कराया और फिर 50 अभ्यर्थियों को नकल कराई गई थी। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव की तलाश में लगी एसटीएफ उस पर इनाम घोषित कराने जा रही है।
अनामिका शुक्ला प्रकरण में फ़र्ज़ी शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर नौकरी दिलाने वाले गैंग का भण्डाफोड़, स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा जारी प्रेस नोट देखें
अनामिका शुक्ला प्रकरण में फ़र्ज़ी शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर नौकरी दिलाने वाले गैंग का भण्डाफोड़, स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा जारी प्रेस नोट देखें
सुप्रीम कोर्ट अपडेट उत्तर कुंजी प्रकरण:- 69000 शिक्षक भर्ती में आंसर की वाले मामले को लिस्टेड किया गया
सुप्रीम कोर्ट अपडेट उत्तर कुंजी प्रकरण:- 69000 शिक्षक भर्ती में आंसर की वाले मामले को लिस्टेड किया गया
उ०प्र० सरकार के द्वारा तैयार मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन टीम की याचिका SUBEDAR SINGH में दाखिल हो गई है। जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर- 55232/2020 है
उ०प्र० सरकार के द्वारा तैयार मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन टीम की याचिका SUBEDAR SINGH में दाखिल हो गई है। जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर- 55232/2020 है
Delhi- UP सरकार के बाद अब शिक्षामित्र SC पहुंचे, दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे यूपी के शिक्षामित्र, HC की लखनऊ बेंच के फैसले को चुनौती दी, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश दिया था, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने का आदेश।
Delhi- UP सरकार के बाद अब शिक्षामित्र SC पहुंचे, दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे यूपी के शिक्षामित्र, HC की लखनऊ बेंच के फैसले को चुनौती दी, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश दिया था, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने का आदेश।
PCS मुख्य परीक्षा- 2019 की तिथि हुई परिवर्तित, संशोधित कार्यक्रम देखें
PCS मुख्य परीक्षा- 2019 की तिथि हुई परिवर्तित, संशोधित कार्यक्रम देखें
केंद्रीय कर्मचारियों के इंक्रीमेंट अगले साल तक के लिए फ्रीज़
केंद्रीय कर्मचारियों के इंक्रीमेंट अगले साल तक के लिए फ्रीज़
हाईकोर्ट लखनऊ: महिलाओं को 20% आरक्षण का मामला
हाईकोर्ट लखनऊ: महिलाओं को 20% आरक्षण का मामला .SERS -9006/2020 MEENA KUSHWAHA & ORS. मामले में 2 हफ्ते में काउंटर लगाने के लिये कहा है।
69000 शिक्षक भर्ती लखनऊ कोर्ट अपडेट, जाने क्या हुआ
69000 शिक्षक भर्ती में दिव्यांग आरक्षण मामले में हुई आज की सुनवाई में भर्ती के समस्त नियुक्ति पत्र को इस याचिका के अधीन कर दिया गया है,साथ ही साथ सरकार से 4 हफ्ते में रिजॉइंडर माँगा गया है।
69000 शिक्षक भर्ती : आज हो सकती है सुनवाई
69 हजार शिक्षक भर्ती में 37,339 पदों पर भर्ती पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में संशोधन की यूपी सरकार की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है। सरकार ने दायर याचिका में कहा है कि भर्ती में 40/45% कट ऑफ वाले कुल शिक्षामित्र 32,269 है।
बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा विभाग तक जांच के दायरे में, जांचें जाएंगे 6.5 लाख शिक्षकों के दस्तावेज
फर्जी दस्तावेजों से शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग के स्कूल-कॉलेजों में कार्यरत साढ़े 6.70 लाख से अधिक शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक समर्पित टीम गठित कर
14 जून 2020:- सीएम योगी की समीक्षा बैठक:- जिसमें शिक्षकों के दस्तावेज जांच करने के दिए निर्देश, देखें आधिकारिक प्रेस नोट
14 जून 2020:- सीएम योगी की समीक्षा बैठक:- जिसमें शिक्षकों के दस्तावेज जांच करने के दिए निर्देश, देखें आधिकारिक प्रेस नोट
‘डेडिकेटेड टीम’ जांचेगी सूबे के एक एक शिक्षक के दस्तावेज: मुख्यमंत्री
लखनऊ : 69,000 शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों से जुड़े अनामिका शुक्ला प्रकरण ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली सरकार को विपक्ष इन मामलों को घेरने की पूरी तैयारी में है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराने के लिए ‘डेडिकेटेड टीम’ गठित करने के निर्देश दिए हैं।
सहायक शिक्षक की तरह काम नहीं कर रहा कोई भी शिक्षामित्र
नई दिल्ली : 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में प्रदेश सरकार ने कहा हैं कि सुप्रीम कोर्ट के शिक्षामित्रों के बारे में दिए गए 2017 के मूल आदेश के बाद कोई भी शिक्षामित्र सहायक शिक्षक की तरह काम नहीं कर रहा है। मूल फैसला आने से पहले सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित किए गए सभी शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्र पद पर वापस कर दिए गए थे और इसके बाद 2019 में सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया और परीक्षा हुई थी।
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