राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा में 617 सफल
साक्षात्कार खत्म होने के एक दिन बाद ही आया परिणाम, 3,88,164 ने दी थी लिखित परीक्षा
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राजस्व निरीक्षक-2014 (आरआई) भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया।
खास यह कि 617 पदों के लिए हुए साक्षात्कार के अगले दिन ही रिजल्ट घोषित कर दिया गया। आयोग ने घोषणा की है कि परीक्षा की संस्तुति शासन को भेजे जाने के बाद ही अभ्यर्थियों को प्राप्तांक आदि से संबंधित सूचनाएं दी जाएंगी। इससे पहले इस तरह के किसी आवेदन पर विचार नहीं होगा। आमतौर आयोग की ओर से रिजल्ट के साथ ही चार सप्ताह के भीतर कटऑफ और मार्कशीट जारी किए जाने की बात कही जाती रही है। ऐसे में नए फरमान को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
राजस्व भर्ती के लिए आयोग की ओर से 25 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी, जिसमें 3,88,164 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परिणाम दो मई को घोषित हुआ था। इसमें सफल 2539 अभ्यर्थी 23 मई से 11 जून के बीच आयोजित साक्षात्कार में शामिल हुए थे। इनमें 617 अभ्यर्थी अंतिम तौर पर सफल घोषित किए गए हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि प्रतियोगियों के लगातार विरोध के बावजूद सिर्फ रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर परिणाम घोषित किया गया है। सूची में चयनितों के नाम नहीं हैं। कृषि तकनीकी सहायक भर्ती के बाद आयोग का यह दूसरा बड़ा रिजल्ट है, जिसमें चयनितों के नाम नहीं हैं। सचिव रिजवानुर्रहमान ने बताया कि जिन सफल अभ्यर्थियों के नाम के सामने प्रोविजनल लिखा है, उनसे निर्धारित अवधि के भीतर डाक्यूमेंट जमा करने के लिए कहा गया है।
विवादों से भरी रही आरआई की भर्ती प्रक्रिया
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की राजस्व निरीक्षक (आरआई) भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही विवादित रही। विवादों का यह सिलसिला रिजल्ट घोषित होने के बाद भी जारी है। शासन को परिणाम भेजे जाने के बाद प्राप्तांक आदि की जानकारी दिए जाने के आयोग के फरमान ने प्रतियोगियों को विरोध एक और मौका दे दिया है। रिजल्ट भी हाईकोर्ट के आदेश के अधीन रहेगा।
लिखित परीक्षा में चार पेपर थे। विज्ञापन में आयोग ने घोषित किया था कि गणित और सामान्य बुद्धि परीक्षण के पेपर में 50-50 प्रश्न होंगे और हर सवाल के लिए दो नंबर होंगे। वहीं सामान्य अध्ययन और हिंदी के एक-एक नंबर के 100-100 प्रश्न होंगे। इसके विपरीत परीक्षा में कुल प्रश्नों की संख्या तो 300 ही रही, लेकिन उसमें निर्देश दिया गया था कि सभी के अंक समान हैं। इस तरह से विरोधा भाषी निर्देशों की बाबत अभ्यर्थियों ने आयोग में ज्ञापन भी सौंपा। इसके बावजूद आयोग की ओर से कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किए गया। आयोग ने लिखित परीक्षा की आंसर-की भी जारी नहीं की। विगत कई वर्षों में आयोग की यह पहली परीक्षा है जिसकी आंसर-की जारी किए बगैर अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया। आयोग ने चयनितों के नाम भी घोषित नहीं किए हैं। कृषि तकनीकी सहायक के बाद आयोग की यह दूसरी बड़ी भर्ती परीक्षा है, जिसमें चयनितों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं। हालांकि, याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तकनीकी सहायक भर्ती का पूरा विवरण मांगा है। इसके अलावा परीक्षा के दिन कानपुर में अभ्यर्थियों ने नकल का आरोप लगाते हुए धरना दिया था। आयोग का निर्देश है कि शासन को परिणाम भेजे जाने के बाद प्राप्तांक आदि सूचनाएं दी जाएंगी। प्रतियोगी अवनीश पांडेय, अयोध्या सिंह आदि का कहना है कि यह जानबूझकर किया गया है। आयोग अब प्राप्तांक आदि की जानकारी भी जल्दी नहीं देना चाहता, जिससे कि ज्वाइनिंग से पहले अभ्यर्थी न्यायालय में न जाने पाएं।
शासन को परिणाम भेजे जाने के बाद दी जाएगी मार्कशीट की जानकारी
परिणाम के साथ भी विवादित आदेश, प्रतियोगियों को मिला एक और मौका, विज्ञापन और पेपर में दिए निर्देश में रहा अंतर, नहीं जारी किया स्पष्टीकरण
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साक्षात्कार खत्म होने के एक दिन बाद ही आया परिणाम, 3,88,164 ने दी थी लिखित परीक्षा
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राजस्व निरीक्षक-2014 (आरआई) भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया।
खास यह कि 617 पदों के लिए हुए साक्षात्कार के अगले दिन ही रिजल्ट घोषित कर दिया गया। आयोग ने घोषणा की है कि परीक्षा की संस्तुति शासन को भेजे जाने के बाद ही अभ्यर्थियों को प्राप्तांक आदि से संबंधित सूचनाएं दी जाएंगी। इससे पहले इस तरह के किसी आवेदन पर विचार नहीं होगा। आमतौर आयोग की ओर से रिजल्ट के साथ ही चार सप्ताह के भीतर कटऑफ और मार्कशीट जारी किए जाने की बात कही जाती रही है। ऐसे में नए फरमान को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
राजस्व भर्ती के लिए आयोग की ओर से 25 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी, जिसमें 3,88,164 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परिणाम दो मई को घोषित हुआ था। इसमें सफल 2539 अभ्यर्थी 23 मई से 11 जून के बीच आयोजित साक्षात्कार में शामिल हुए थे। इनमें 617 अभ्यर्थी अंतिम तौर पर सफल घोषित किए गए हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि प्रतियोगियों के लगातार विरोध के बावजूद सिर्फ रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर परिणाम घोषित किया गया है। सूची में चयनितों के नाम नहीं हैं। कृषि तकनीकी सहायक भर्ती के बाद आयोग का यह दूसरा बड़ा रिजल्ट है, जिसमें चयनितों के नाम नहीं हैं। सचिव रिजवानुर्रहमान ने बताया कि जिन सफल अभ्यर्थियों के नाम के सामने प्रोविजनल लिखा है, उनसे निर्धारित अवधि के भीतर डाक्यूमेंट जमा करने के लिए कहा गया है।
विवादों से भरी रही आरआई की भर्ती प्रक्रिया
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की राजस्व निरीक्षक (आरआई) भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही विवादित रही। विवादों का यह सिलसिला रिजल्ट घोषित होने के बाद भी जारी है। शासन को परिणाम भेजे जाने के बाद प्राप्तांक आदि की जानकारी दिए जाने के आयोग के फरमान ने प्रतियोगियों को विरोध एक और मौका दे दिया है। रिजल्ट भी हाईकोर्ट के आदेश के अधीन रहेगा।
लिखित परीक्षा में चार पेपर थे। विज्ञापन में आयोग ने घोषित किया था कि गणित और सामान्य बुद्धि परीक्षण के पेपर में 50-50 प्रश्न होंगे और हर सवाल के लिए दो नंबर होंगे। वहीं सामान्य अध्ययन और हिंदी के एक-एक नंबर के 100-100 प्रश्न होंगे। इसके विपरीत परीक्षा में कुल प्रश्नों की संख्या तो 300 ही रही, लेकिन उसमें निर्देश दिया गया था कि सभी के अंक समान हैं। इस तरह से विरोधा भाषी निर्देशों की बाबत अभ्यर्थियों ने आयोग में ज्ञापन भी सौंपा। इसके बावजूद आयोग की ओर से कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किए गया। आयोग ने लिखित परीक्षा की आंसर-की भी जारी नहीं की। विगत कई वर्षों में आयोग की यह पहली परीक्षा है जिसकी आंसर-की जारी किए बगैर अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया। आयोग ने चयनितों के नाम भी घोषित नहीं किए हैं। कृषि तकनीकी सहायक के बाद आयोग की यह दूसरी बड़ी भर्ती परीक्षा है, जिसमें चयनितों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं। हालांकि, याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तकनीकी सहायक भर्ती का पूरा विवरण मांगा है। इसके अलावा परीक्षा के दिन कानपुर में अभ्यर्थियों ने नकल का आरोप लगाते हुए धरना दिया था। आयोग का निर्देश है कि शासन को परिणाम भेजे जाने के बाद प्राप्तांक आदि सूचनाएं दी जाएंगी। प्रतियोगी अवनीश पांडेय, अयोध्या सिंह आदि का कहना है कि यह जानबूझकर किया गया है। आयोग अब प्राप्तांक आदि की जानकारी भी जल्दी नहीं देना चाहता, जिससे कि ज्वाइनिंग से पहले अभ्यर्थी न्यायालय में न जाने पाएं।
शासन को परिणाम भेजे जाने के बाद दी जाएगी मार्कशीट की जानकारी
परिणाम के साथ भी विवादित आदेश, प्रतियोगियों को मिला एक और मौका, विज्ञापन और पेपर में दिए निर्देश में रहा अंतर, नहीं जारी किया स्पष्टीकरण
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