प्रमुख संवाददाता : राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों के समायोजन
को बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। इस मामले में राज्य
सरकार हरीश साल्वे समेत सुप्रीम कोर्ट के चोटी के वकीलों से संपर्क कर रही
है। वहीं, सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शिक्षामित्रों के साथ
मुलाकात करेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग इस मुलाकात से पहले उन सारे विकल्पों
को तलाशने में जुटा है जिनसे शिक्षामित्रों की नौकरी बचायी जा सके। बेसिक
शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी खुद विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ इस
मामले में वकीलों से राय लेने शनिवार को नई दिल्ली गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक उन्होंने हरीश साल्वे समेत सुप्रीम कोर्ट
के कई वकीलों से संपर्क किया है। वहीं, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन
के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही भी शिक्षामित्रों के स्तर से मामले की
मजबूत पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से संपर्क करने नई दिल्ली गए
हैं।
संशोधन करके बचाई जा सकती है शिक्षामित्रों की नौकरी : सूत्रों
के मुताबिक वकीलों की राय है कि सरकार पहले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा
परिषद से उन संशोधनों को करवाए जिसके चलते शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द
किया गया है। इसके बाद शिक्षामित्रों को दोबारा विज्ञापन निकाल कर नियुक्ति
किया जाए।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
करने के लिए 90 दिन का समय मिलता है। इस बीच में इस संशोधन को करवा कर
शिक्षामित्रों की नौकरी को बचाया सकता है। शिक्षामित्रों का समायोजन
हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। अध्यापक सेवा नियमावली और आरटीई नियमावली के
उन सारे संशोधनों को रद्द कर दिया है जिसके तहत पौने दो लाख शिक्षामित्रों
का समायोजन किया गया था।
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