अब तक जितने लोग याची नही बन पाये है वो अपने भविष्य की परवाह करते हुए
याची जरूर बन जाये जिन जिलों में याची बनाने का कार्यपूर्ण भी हो गया हो
वहाँ भी आप अपने पर्सनल प्रयास से याची जरूर बन जाये ।एकेडेमिक टीम के साथ
ही याची बनने में लाभ निहित है
क्योकि सुप्रीमकोर्ट में मामला बेस ऑफ़ सिलेक्शन का गया है और यदि sc इसे निर्णित ना करके ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों का भला करने को सोचेगी तो न्यू ऐड के शर्तों पे सभी याचियों का भला कर सकती है ।sc के पास ये शक्ति निहित है कि वो जनहित में कोई भी नियम बना सकती है ।इसलिए न्यू ऐड के समर्थन में पड़ी याचिकाओं का भला होना तय है ।
sc यदि शिक्षामित्रों के विषय में सहानभूतिपूर्वक विचार कर सकती है तो योग्य बीएड टेट पास बेरोजगारों पे क्यों नही ।sc ने ये अवसर दिया है कि शिक्षामित्रों की तुलना में कितने योग्य बेरोजगार पड़े हैं और जितनी भी संख्या sc में जायेगी सर्वप्रथम उन्हें रोजगार देने के बाद ही शिक्षामित्रों पे sc विचार करेगी ।यहाँ मैं एक बात पे सबका ध्यान आकृष्ट कराना चाहूँगा कि शिक्षामित्र मैटर अपने केस के साथ ही टैग है और ये निश्चित है कि sc योग्यता को प्रथम तरजीह देगी ।
साथियो , बेस ऑफ़ सिलेक्शन की लड़ाई में न्यू ऐड की विजय सार्वभौमिक सत्य है ।न्यू ऐड बहाल हो के ही रहेगा ।पर ऐसा भी संभव है कि sc ये केवल देखे कि कितने याचियों का हित प्रभावित हो रहा है और उन्हें ही राहत दे के केस समाप्त कर दे ।ये मेरी पोस्ट किसी को डराने के लिए नही है बल्कि वर्तमान घटनाक्रम को प्रदर्शित करने के लिए है ।याद रखियेगा दोस्तों न्याय भी उसे ही मिलता है जो न्याय पाने के लिए प्रयास करता है और जो भाग्य के भरोसे बैठता है उसकी ईश्वर भी मदद नही करते ।इसलिए सभी लोग आगे बढ़ के कोशिश करें क्योकि कोशिश करने वालों की हार नही होती ।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
क्योकि सुप्रीमकोर्ट में मामला बेस ऑफ़ सिलेक्शन का गया है और यदि sc इसे निर्णित ना करके ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों का भला करने को सोचेगी तो न्यू ऐड के शर्तों पे सभी याचियों का भला कर सकती है ।sc के पास ये शक्ति निहित है कि वो जनहित में कोई भी नियम बना सकती है ।इसलिए न्यू ऐड के समर्थन में पड़ी याचिकाओं का भला होना तय है ।
sc यदि शिक्षामित्रों के विषय में सहानभूतिपूर्वक विचार कर सकती है तो योग्य बीएड टेट पास बेरोजगारों पे क्यों नही ।sc ने ये अवसर दिया है कि शिक्षामित्रों की तुलना में कितने योग्य बेरोजगार पड़े हैं और जितनी भी संख्या sc में जायेगी सर्वप्रथम उन्हें रोजगार देने के बाद ही शिक्षामित्रों पे sc विचार करेगी ।यहाँ मैं एक बात पे सबका ध्यान आकृष्ट कराना चाहूँगा कि शिक्षामित्र मैटर अपने केस के साथ ही टैग है और ये निश्चित है कि sc योग्यता को प्रथम तरजीह देगी ।
साथियो , बेस ऑफ़ सिलेक्शन की लड़ाई में न्यू ऐड की विजय सार्वभौमिक सत्य है ।न्यू ऐड बहाल हो के ही रहेगा ।पर ऐसा भी संभव है कि sc ये केवल देखे कि कितने याचियों का हित प्रभावित हो रहा है और उन्हें ही राहत दे के केस समाप्त कर दे ।ये मेरी पोस्ट किसी को डराने के लिए नही है बल्कि वर्तमान घटनाक्रम को प्रदर्शित करने के लिए है ।याद रखियेगा दोस्तों न्याय भी उसे ही मिलता है जो न्याय पाने के लिए प्रयास करता है और जो भाग्य के भरोसे बैठता है उसकी ईश्वर भी मदद नही करते ।इसलिए सभी लोग आगे बढ़ के कोशिश करें क्योकि कोशिश करने वालों की हार नही होती ।
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