मेरिट से अधिक अंक, फिर भी चयन नहीं - कोर्ट में दाखिल की जाएगी पूरी जानकारी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की लोअर-2008 और 2009 परीक्षा अंकपत्र जारी होते ही विवादों में.घिर गई है। परीक्षा के.परिणाम अनिल.यादव के कार्यकाल.में जारी हुए थे और.अभ्यर्थी इसमें तमाम गड़बड़ियों के आरोप लगाते.रहे हैं।
खास बात यह है कि दोनों परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं और वे अपने पदों पर काम भी कर रहे हैं। अंकपत्र अब जारी हुआ है।
लोअर सबार्डिनेट परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस के बाद दूसरी प्रमुख परीक्षा है। इसमें हर
परीक्षा में लगभग दो लाख प्रतियोगी शामिल होते हैं। लोअर का सत्र अनियमित होने की वजह से वर्ष 2008 और 2009 की परीक्षा 2011 के बाद हुई। परिणाम अनिल यादव के कार्यकाल में जारी हुआ। उस समय भी प्रतियोगी छात्रों ने जमकर हंगामा किया था। छात्रों की मांग के बावजूद आयोग ने अंकपत्र नहीं जारी किया था। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति इसके लिए हाईकोर्ट गई थी। अदालत के निर्देश पर दोनों परीक्षाओं के अंकपत्र जारी किए गए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने इसके बाद सभी असफल छात्रों से उनके रिजल्ट का ब्योरा मांगा था।
ओबीसी के 260 पदों में 115 एक ही जाति के : समिति ने अपने जुटाए तथ्यों के आधार पर दावा किया है कि लोअर-2008 में ओबीसी के 260 पदों में 115 एक ही जाति के हैं। इसी प्रकार लोअर-2009 में ओबीसी के 202 पदों में 60 एक ही जाति के हैं और उन्हें 50 अंकों के साक्षात्कार में 30 से 35 के बीच में अंक दिए गए। इनकी पहचान सरनेम के आधार पर हुई है। समिति ने रिजल्ट जानने के लिए ही अभ्यर्थियों की जन्मतिथि पहले से ही इकट्ठा कर रखी थी।
मेरिट से अधिक अंक, फिर भी चयन नहीं : समिति को जो अंकपत्र प्राप्त हुए, उसमें एक अभ्यर्थी को मेरिट से अधिक अंक हासिल हुए हैं लेकिन उसका चयन नहीं हुआ। कई अभ्यर्थियों के अंकपत्र वेबसाइट पर भी नहीं डाउनलोड हुए। इसमें भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। समित के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का आरोप है कि मुख्य परीक्षा की स्केलिंग के दौरान आयोग में खेल हुआ और उन लड़कों को अधिक नंबर दिए गए जिन्हें आयोग सफल होते देखना चाहता था।
हाईकोर्ट में दाखिल की जाएगी पूरी जानकारी : समिति ने लोअर परीक्षा की पूरी गड़बड़ियों को साक्ष्यों सहित हाईकोर्ट में दाखिल करने की तैयारी कर ली है। इसे सीबीआइ जांच की याचिका के साथ संलग्न किया जाएगा। समिति को उम्मीद है कि इससे सीबीआइ जांच की मांग को बल मिलेगा।
अभ्यर्थियों पर बरसी थीं लाठियां : लोअर परीक्षा के परिणाम को लेकर अभ्यर्थियों ने 2 जनवरी, 2014 को लोक सेवा आयोग का जबर्दस्त घेराव किया था। तब लोअर-2008 की मुख्य परीक्षा का परिणाम आया था और छात्र उससे असंतुष्ट थे। छात्रों पर जमकर लाठियां चली थीं और कई छात्र जेल गए थे। अनिल यादव के इशारे पर कई छात्रनेताओं को इनामिया अपराधी भी घोषित कर दिया गया था।
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