चंद्रपाल सिंह ने शनिवार को शीतकालीन भ्रमण के दौरान लोहिया गांव देवामई
में शैक्षिक व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान शिक्षा का स्तर निम्न पाये
जाने पर बेसिक विद्यालय में कार्यरत दो शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों
की जांच कराने के साथ ही दोनों को निलंबित करने के आदेश बीएसए को दिये।
जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह शनिवार को जब अपने शीतकालीन भ्रमण के दौरान लोहिया गांव देवामई पहुंचे, उन्होंने गांव के प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल का भ्रमण कर शिक्षा की गुणवत्ता परखी तो वह अचम्भित रह गये। बच्चे तो बच्चे, शिक्षक भी 0.2 गुणा 0.2 का गुणा नहीं कर सके। कक्षा चार की हिन्दी की कविता नही सुना सके। जब वह जूनियर हाईस्कूल पहुंचे तो वहां का नजारा अलग था, विद्यालय में 45 बच्चे पंजीकृत थे, मौके पर 23 बच्चे उपस्थित। यहां पर बच्चों को पढ़ाने के लिए छह शिक्षक तैनात मिले। स्कूलों में कक्षा आठ के बच्चे त्रिभुज, चतरुभज, सर्किल, विलोम शब्द तक नहीं जानते थे। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को तत्काल मानक के अनुसार शिक्षकों की तैनाती के आदेश देते हुए कहा कि शेष शिक्षकों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही डीएम ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता परखी। छात्र कन्हैया के अलावा कोई भी बच्चा किसी भी विषय में कुछ नही बता पाया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक जसकरन सिंह 0. 2 गुणा 0.3 तथा सहायक अध्यापक अरविंद कुमार 0.2 गुणा 0.2 का गुणा तक नही कर सके। शिक्षकों की किसी भी विषय की जानकारी नही थी। इस पर नाराज जिलाधिकारी ने दोनों शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच कराने और शिक्षा का स्तर खराब पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों से कहा कि आज शिक्षा महंगी हो गई है। सरकारी विद्यालयों के शिक्षक न तो समय से उपस्थित होते है और न ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। आप सब शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर नजर रखें, जो शिक्षक समय से न आये, या बच्चों को न पढ़ाए उनकी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे शिक्षित होंगे तभी गांव, प्रदेश, देश का विकास होगा। निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अनुराग पटेल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केके शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिकेश यादव, एबीएसए भारती शाक्या आदि उपस्थित रहे।
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