इलाहाबाद: शिक्षक बनने
का ख्वाब देख रहे युवाओं को एक बार फिर झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने
प्रदेश में चल रही पंद्रह हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में नियुक्ति
पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि यदि
नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया हो तो फिलहाल ज्वाइन न कराया जाए।
बता दें
कि इन सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मंगलवार से दिए जाने थे। कोर्ट ने
प्रदेश सरकार और अन्य विपक्षियों को एक माह में जवाब दाखिल करने का निर्देश
दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राम सरन मौर्य ने
दीपक कुमार तिवारी व अन्य अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया है। याचिका में
कहा गया है कि पंद्रह हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए दिसंबर 2014
में विज्ञापन जारी किया गया था। इसमें डिप्लोमा इन एजूकेशन (स्पेशल
एजूकेशन) करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया गया। याचीगणों ने यह
कोर्स रिहैबिलेशन काउंसिल आफ इंडिया से किया था। उन्होंने आवेदन किया लेकिन
उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया।
इसके बाद याचीगणों ने हाईकोर्ट की शरण
ली। हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन आवेदन स्वीकार कर लिए
लेकिन काउंसिलिंग के दौरान उनके प्रमाणपत्र को नहीं माना गया। उन्हें
काउंसिलिंग से बाहर कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि एक बार यह निश्चित हो गया
कि याचीगण वैध डिग्री रखते हैं तो उन्हें काउंसिलिंग के लिए रोकने का कोई
औचित्य नहीं है। कोर्ट ने इसी आधार पर नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा
दी है। याचिका पर अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।
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