जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : मंगलवार को 200 अभ्यर्थियों में बड़ा
उत्साह था। उन्हें आज शिक्षक के रूप में नियुक्त पत्र जारी होने थे। महिला
अभ्यर्थी तो और भी उत्सुक थी, क्योंकि उन्हें विभाग द्वारा खुद अपना स्कूल
चुनने का मौका दिया था। बीआरसी पर दिन भर अभ्यर्थियों की भीड़ लगी रही।
महिला अभ्यर्थियों के साथ में उनके अभिभावक भी बीआरसी पर पहुंचे थे, लेकिन शाम को जब नियुक्ति पत्र जारी होने की बात आई तो न्यायालय से आए एक आदेश से अभ्यर्थियों के चेहरों पर मायूसी तैर गई। न्यायालय ने एक याचिका पर नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। ऐसे में विभाग ने भी पूरी प्रक्रिया होने के बाद में नियुक्ति पत्र रोक दिए।
मामला 15 हजार शिक्षक भर्ती से जुड़ा हुआ है। लंबे अरसे से चल रही नियुक्ति की यह प्रक्रिया अब अंतिम चरण में आई थी। शासन ने 28 जून को चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे। शिक्षकों को दो जुलाई को स्कूलों में ज्वाइन करना था। ऐसे में विभाग ने मंगलवार को महिला अभ्यर्थियों को विकल्प भरने के लिए बुलाया था, ताकि विकल्प के बाद में सभी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएं। सुबह ही महिला अभ्यर्थी बीआरसी पर पहुंच गई। बीआरसी पर चस्पा सूची में देख कर अपने स्कूलों का चयन करना शुरू कर दिया। बीएसए तरुण कुमार के निर्देशन में दोपहर में विकल्प पत्र भरवाए गए। मेरिट के आधार पर महिलाओं को बुलाया गया और उनके सामने सूची रख कर स्कूल के नाम के आगे हस्ताक्षर करने के लिए कहा। महिलाओं द्वारा अपने स्कूलों पर हस्ताक्षर कर दिए। विकल्प पत्र भरवाने के बाद में संबंधित लिपिक तरुणा ¨सह ने नियुक्ति पत्र तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया।
इधर शाम चार बजे करीब एक अभ्यर्थी ने विभाग के समक्ष न्यायालय का आदेश प्रस्तुत किया। उच्च न्यायालय के आदेश में नियुक्ति पत्र जारी न करने के आदेश थे। आदेश में कहा कि अगर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए हैं तो ज्वाइ¨नग नहीं दी जाए। इस संबंध में न्यायालय में अगली सुनवाई 28 अगस्त है। नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक की जानकारी मिलते ही अभ्यर्थियों के चेहरों पर भी निराशा तैर गई।
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फोन पर भेजी सूची, जानकारों से मांगी सलाह
इधर सुबह बीआरसी पर विकल्प पत्र भरने पहुंची शिक्षिकाएं स्कूलों के चयन को लेकर आशंकित नजर आई। अभिभावक भी ज्यादा जानकार नहीं थे। स्कूलों का नाम व गांव अंकित थे। कौन सा स्कूल नजदीक पड़ेगा। यह जानने के लिए कई परिचितों से सलाह लेते नजर आए। कुछ ने तो बीआरसी पर चस्पा सूची की फोटो खींच कर जानकारों को भेज कर उनसे सलाह मांगी कि कौन सा स्कूल पास पड़ेगा। वहीं कुछ सूची को नोट करने के बाद में फोन पर परिचितों को बताते हुए नजर आए।
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आखिर किसके लिए है आदेश
देर शाम तक विभाग भी संशय था। कोर्ट ने अपने आदेश में दो के लिए आदेश जारी किया है। प्रतिवादी नंबर तो आदेश में लिखे हुए हैं, लेकिन याचिका न होने के कारण यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आदेश किस पर प्रभावी होता है। इसके बाद भी विभाग के द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगाते हुए विभाग से आदेश मांगे हैं। माना जा रहा है देर रात तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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'नियुक्त पत्र बांटने की पूरी तैयारी हो गई थी। विकल्प से महिलाओं को और रोस्टर से पुरुष शिक्षकों को स्कूल दिए गए हैं। शाम को न्यायालय का आदेश मिला है। लिहाजा अभी नियुक्ति पत्र नहीं बांटे जा रहे हैं। विभाग से अगला निर्देश मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।'
-तरुण कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।
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महिला अभ्यर्थियों के साथ में उनके अभिभावक भी बीआरसी पर पहुंचे थे, लेकिन शाम को जब नियुक्ति पत्र जारी होने की बात आई तो न्यायालय से आए एक आदेश से अभ्यर्थियों के चेहरों पर मायूसी तैर गई। न्यायालय ने एक याचिका पर नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। ऐसे में विभाग ने भी पूरी प्रक्रिया होने के बाद में नियुक्ति पत्र रोक दिए।
मामला 15 हजार शिक्षक भर्ती से जुड़ा हुआ है। लंबे अरसे से चल रही नियुक्ति की यह प्रक्रिया अब अंतिम चरण में आई थी। शासन ने 28 जून को चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे। शिक्षकों को दो जुलाई को स्कूलों में ज्वाइन करना था। ऐसे में विभाग ने मंगलवार को महिला अभ्यर्थियों को विकल्प भरने के लिए बुलाया था, ताकि विकल्प के बाद में सभी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएं। सुबह ही महिला अभ्यर्थी बीआरसी पर पहुंच गई। बीआरसी पर चस्पा सूची में देख कर अपने स्कूलों का चयन करना शुरू कर दिया। बीएसए तरुण कुमार के निर्देशन में दोपहर में विकल्प पत्र भरवाए गए। मेरिट के आधार पर महिलाओं को बुलाया गया और उनके सामने सूची रख कर स्कूल के नाम के आगे हस्ताक्षर करने के लिए कहा। महिलाओं द्वारा अपने स्कूलों पर हस्ताक्षर कर दिए। विकल्प पत्र भरवाने के बाद में संबंधित लिपिक तरुणा ¨सह ने नियुक्ति पत्र तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया।
इधर शाम चार बजे करीब एक अभ्यर्थी ने विभाग के समक्ष न्यायालय का आदेश प्रस्तुत किया। उच्च न्यायालय के आदेश में नियुक्ति पत्र जारी न करने के आदेश थे। आदेश में कहा कि अगर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए हैं तो ज्वाइ¨नग नहीं दी जाए। इस संबंध में न्यायालय में अगली सुनवाई 28 अगस्त है। नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक की जानकारी मिलते ही अभ्यर्थियों के चेहरों पर भी निराशा तैर गई।
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फोन पर भेजी सूची, जानकारों से मांगी सलाह
इधर सुबह बीआरसी पर विकल्प पत्र भरने पहुंची शिक्षिकाएं स्कूलों के चयन को लेकर आशंकित नजर आई। अभिभावक भी ज्यादा जानकार नहीं थे। स्कूलों का नाम व गांव अंकित थे। कौन सा स्कूल नजदीक पड़ेगा। यह जानने के लिए कई परिचितों से सलाह लेते नजर आए। कुछ ने तो बीआरसी पर चस्पा सूची की फोटो खींच कर जानकारों को भेज कर उनसे सलाह मांगी कि कौन सा स्कूल पास पड़ेगा। वहीं कुछ सूची को नोट करने के बाद में फोन पर परिचितों को बताते हुए नजर आए।
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आखिर किसके लिए है आदेश
देर शाम तक विभाग भी संशय था। कोर्ट ने अपने आदेश में दो के लिए आदेश जारी किया है। प्रतिवादी नंबर तो आदेश में लिखे हुए हैं, लेकिन याचिका न होने के कारण यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आदेश किस पर प्रभावी होता है। इसके बाद भी विभाग के द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगाते हुए विभाग से आदेश मांगे हैं। माना जा रहा है देर रात तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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'नियुक्त पत्र बांटने की पूरी तैयारी हो गई थी। विकल्प से महिलाओं को और रोस्टर से पुरुष शिक्षकों को स्कूल दिए गए हैं। शाम को न्यायालय का आदेश मिला है। लिहाजा अभी नियुक्ति पत्र नहीं बांटे जा रहे हैं। विभाग से अगला निर्देश मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।'
-तरुण कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।
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