नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सातवें
वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। इससे एक करोड़ से अधिक केंद्रीय
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की
अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी
दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार किये जाने की पुष्टि की है।
सातवें वेतन आयोग ने वेतन और भत्तों में औसतन 23.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की है। यह अब तक किसी भी वेतन आयोग द्वारा सबसे कम बढ़ोतरी की सिफारिश है। आयोग ने प्रवेश स्तर पर न्यूनतम वेतन 18 हजार रूपए करने और मंत्रिमंडलीय सचिवों का वेतन मौजूदा 90 हजार रूपए से बढ़ाकर ढाई लाख रूपए करने की अनुशंसा की है। वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 58 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
दरअसल, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए पीएम मोदी ने वित्त मंत्रालय से सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट मांगी थी। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट से पास होने के बाद अब इस रिपोर्ट को जुलाई में ही लागू कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुतबैक सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी और कर्मचारियों को एरियर मिलेगा।
98.4 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों लागू होने के बाद 98.4 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलने की सम्भावना है। गौरतलब है कि इसमें 52 लाख पेंशनभोगी भी शामिल हैं। कैबिनेट सेक्रेट्री पी के सिन्हा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने पे कमीशन (वेतन आयोग) की सिफारिशों पर अपनी रिपोर्ट दे दी है जिसके आधार पर वित्त मंत्रालय कैबिनेट के लिए नोट तैयार किया है। इस नोट को मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया गया।
1.02 लाख करोड़ का बढ़ेगा बोझ
सूत्रों के मुताबिक़ वेतन आयोग ने वेतन-भत्तों तथा पेंशन में में 23.55 फीसदी सैलरी की सिफारिश की थी। इससे सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का करीब 0.7 फीसदी का बोझ पड़ेगा। आयोग की रिपोर्ट में शुरुआती वेतन मौजूदा 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18 हजार रुपए करने और अधिकतम वेतन जो मंत्रिमंडल सचिव का है, मौजूदा 90,000 रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए करने की सिफारिश की गई है।
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आधिकारिक सूत्रों ने वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार किये जाने की पुष्टि की है।
सातवें वेतन आयोग ने वेतन और भत्तों में औसतन 23.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की है। यह अब तक किसी भी वेतन आयोग द्वारा सबसे कम बढ़ोतरी की सिफारिश है। आयोग ने प्रवेश स्तर पर न्यूनतम वेतन 18 हजार रूपए करने और मंत्रिमंडलीय सचिवों का वेतन मौजूदा 90 हजार रूपए से बढ़ाकर ढाई लाख रूपए करने की अनुशंसा की है। वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 58 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
दरअसल, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए पीएम मोदी ने वित्त मंत्रालय से सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट मांगी थी। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट से पास होने के बाद अब इस रिपोर्ट को जुलाई में ही लागू कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुतबैक सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी और कर्मचारियों को एरियर मिलेगा।
98.4 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों लागू होने के बाद 98.4 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलने की सम्भावना है। गौरतलब है कि इसमें 52 लाख पेंशनभोगी भी शामिल हैं। कैबिनेट सेक्रेट्री पी के सिन्हा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने पे कमीशन (वेतन आयोग) की सिफारिशों पर अपनी रिपोर्ट दे दी है जिसके आधार पर वित्त मंत्रालय कैबिनेट के लिए नोट तैयार किया है। इस नोट को मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया गया।
1.02 लाख करोड़ का बढ़ेगा बोझ
सूत्रों के मुताबिक़ वेतन आयोग ने वेतन-भत्तों तथा पेंशन में में 23.55 फीसदी सैलरी की सिफारिश की थी। इससे सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का करीब 0.7 फीसदी का बोझ पड़ेगा। आयोग की रिपोर्ट में शुरुआती वेतन मौजूदा 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18 हजार रुपए करने और अधिकतम वेतन जो मंत्रिमंडल सचिव का है, मौजूदा 90,000 रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए करने की सिफारिश की गई है।
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