संवाद सहयोगी, हाथरस : रति का नगला रेलवे ट्रैक के निकट रविवार की सुबह
शिक्षक का सिरविहीन शव मिला था। इस मामले में अब बीएसए सहित अन्य शिक्षा
विभाग के अधिकारियों पर रजिस्टर्ड डाक से उसका एक पत्र पहुंचा है, जो मृत
शिक्षक के नाम और पते से है, जिसमें उसने अपनी नौकरी से इस्तीफा देने की
बात लिखी है।
मुरसान निवासी अमित चौधरी का शव रविवार को रति के नगला रेलवे ट्रैक के निकट मिला था। पुलिस ने ससुरालीजनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
27 जून को बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, खंड शिक्षा अधिकारी सहपऊ कार्यालय को पत्र रजिस्टर्ड डाक से मिला। पत्र में लिखा था कि अमित कुमार ¨सह की नियुक्ति बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालय कोंकना खुर्द में 31 जुलाई 2013 को हुई थी। दो सत्र 2013-14, 2014-15 तक विद्यालय में कार्य किया। 2015-16 में शिक्षक को वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से अटैच कर दिया गया। लेखाधिकारी कार्यालय के कार्य के अलावा शिक्षक को विद्यालय की जिम्मेदारी भी देखनी पड़ रही थी। पत्र में लिखा है कि दोनों जगह के कार्यो को देखने में कठिनाई हो रही थी। अब शिक्षक को नौकरी की आवश्यकता नहीं है, इसलिए अपने सहायक अध्यापक के मूल पद से इस्तीफा दे रहा है। सभी अधिकारियों को पत्र अलीगढ़ के मुख्य डाकघर से 25 जून की दोपहर को भेजे गए हैं। इसके अगले दिन 26 जून की सुबह रति का नगला रेलवे ट्रैक के निकट उक्त शिक्षक की लाश मिली थी। आखिर शिक्षक ने मरने से पहले इस्तीफे वाला पत्र क्यूं भेजा? इसे लेकर मंगलवार को कार्यालयों में चर्चा होती रही।
पिछले माह शासन से निर्देश आने के बाद बीएसए रेखा सुमन ने अटैचमेंट पर चल रहे शिक्षकों को अपने मूल विद्यालयों में जाने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद भी वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से अटैच चल रहे शिक्षक को क्यूं रिलीव नहीं किया गया, यह अब जांच का विषय है।
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मुरसान निवासी अमित चौधरी का शव रविवार को रति के नगला रेलवे ट्रैक के निकट मिला था। पुलिस ने ससुरालीजनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
27 जून को बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, खंड शिक्षा अधिकारी सहपऊ कार्यालय को पत्र रजिस्टर्ड डाक से मिला। पत्र में लिखा था कि अमित कुमार ¨सह की नियुक्ति बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालय कोंकना खुर्द में 31 जुलाई 2013 को हुई थी। दो सत्र 2013-14, 2014-15 तक विद्यालय में कार्य किया। 2015-16 में शिक्षक को वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से अटैच कर दिया गया। लेखाधिकारी कार्यालय के कार्य के अलावा शिक्षक को विद्यालय की जिम्मेदारी भी देखनी पड़ रही थी। पत्र में लिखा है कि दोनों जगह के कार्यो को देखने में कठिनाई हो रही थी। अब शिक्षक को नौकरी की आवश्यकता नहीं है, इसलिए अपने सहायक अध्यापक के मूल पद से इस्तीफा दे रहा है। सभी अधिकारियों को पत्र अलीगढ़ के मुख्य डाकघर से 25 जून की दोपहर को भेजे गए हैं। इसके अगले दिन 26 जून की सुबह रति का नगला रेलवे ट्रैक के निकट उक्त शिक्षक की लाश मिली थी। आखिर शिक्षक ने मरने से पहले इस्तीफे वाला पत्र क्यूं भेजा? इसे लेकर मंगलवार को कार्यालयों में चर्चा होती रही।
पिछले माह शासन से निर्देश आने के बाद बीएसए रेखा सुमन ने अटैचमेंट पर चल रहे शिक्षकों को अपने मूल विद्यालयों में जाने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद भी वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से अटैच चल रहे शिक्षक को क्यूं रिलीव नहीं किया गया, यह अब जांच का विषय है।
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