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लापरवाह शिक्षकों के वेतन काटने के निर्देश

जासं, इलाहाबाद : शिक्षकों की लापरवाही के चलते सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसा ही हाल पीएचसी और सीएचसी का भी है। पिछले दिनों डीएम संजय कुमार ने एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और बीडीओ सहित 53 अधिकारियों को लगाकर 500 स्कूलों और 62 पीएचसी और सीएचसी की
जांच कराई तो घोर लापरवाही सामने आई।
ऐसे लापरवाह शिक्षकों का वेतन काटने और डाक्टरों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।1डीएम संजय कुमार की जांच में प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक विद्यालय के 52 शिक्षक शिक्षिकाएं अनुपस्थित पाये गये। इनके स्कूलों में छात्रों की औसत उपस्थिति लगभग 25-30 फीसद ही मिली। इन सभी के वेतन काटने के निर्देश दिये गए। प्राइमरी स्कूल सिलना कौड़िहार, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेदवार कोरांव, बैहरना कौड़िहार एवं सरायमनोहर फूलपुर में मिड डे मील बनते नहीं पाया गया। वहीं प्राइमरी स्कूल बेदवार, बदवारा कलां कोरांव, पूर्व माध्यमिक विद्यालय गोल्हैया शंकरगढ़ में मिड डे मील (एमडीएम) मानक के अनुसार नहीं बनता पाया गया। वहीं 37 प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शौचालय और स्वच्छता की स्थिति खराब मिली। 39 प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में रंगाई व पुताई नहीं कराई गई। 108 प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में चहारदीवारी नहीं बनी है। सात प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में हैंडपंप नहीं है, जबकि 72 में हैंडपंप खराब हैं। इसलिए लापरवाह शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश बीएसए को दिया है। साथ ही एमडीएम न बनने और मानक के अनुसार न बनने पर प्रधान, प्रधानाचार्य और एबीएसए को नोटिस जारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि बीएसए की जिम्मेदारी है कि वह शिक्षकों की उपस्थिति शत प्रतिशत कराएं। ऐसा न करने पर कार्रवाई होगी।

79 डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी गैरहाजिर : प्रशासन की चेकिंग में नौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भदरी, बड़ोखर, श्रृंगवेरपुर, सीताकुंड, सहसों अंदावा, मुगरसन, मोतिहां एवं धरवारा बंद पाये गये। वहीं 79 डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अनुपस्थित पाये गये। इसके अलावा सीएचसी कौड़िहार, पीएचसी गारापुर और एनपीएचसी रामगढ़ डैय्या में एक कर्मचारी और वार्ड ब्वाय ही मिले। छह पीएचसी और सीएचसी में हैंडपंप खराब पाए गए। 11 पीएचसी और सीएचसी में रैम्प की व्यवस्था ठीक नहीं पाई गई। 21 पीएचसी और सीएचसी में रैन बसेरा नहीं हैं। आठ पीएचसी और सीएचसी में प्रसव की सुविधा नहीं है। 12 पीएचसी और सीएचसी में वैक्सीन नहीं पाई गई और एनपीएचसी जगतपुर में दवा की पर्याप्त नहीं थी। डीएम ने सीएमओ को बन्द चिकित्सालयों के प्रभारी चिकित्साधिकारी तथा उत्तरदायी अधिकारी एवं अनुपस्थित चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के साथ लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों से जवाब तलब करने का निर्देश दिया। 1उन्होंने सीएमओ को औचक निरीक्षण कर लापरवाही करने वाले चिकित्सकों तथा कर्मियों के प्रति कार्यवाही करने निर्देश दिया है।
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