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टेट ही वो बला है जो शिक्षामित्रो को सुप्रीम कोर्ट में बचाएगी

सभी टेट पास शिक्षामित्र को पहली जीत की बधाई। आज लखनऊ हाइकोर्ट की सिग्नल बेंच ने 16448
में जितने भी याची है अगर उनका कट ऑफ़ में आता है तो उनको नियुकित देने का आदेश
दिया है। आज विरोधी की सारी हवा निकल गयी।

बहुत चिल्लते थे की शिक्षामित्र आयोग्य है ।
आज कोर्ट ने उनके योग्य होने पे मुहर लगा दी।
विरोधी से जाएदा शिक्षामित्र के नेता और
उनके अंधभक्त बताया करते थे कि टेट
शिक्षामित्र के लिए नहीं है और बहुत से महा
ज्ञाननी तो ये भी बताते फिरते थे की जो
शिक्षामित्र टेट पास है वो फर्जी है और उनपे
420 का केस लगेगा।
अब टेट क्या है ये जान गए की नहीं और अभी
भी नहीं जान पाये तो जिस दिन सुप्रीम
कोर्ट टेट सहित समायोजन बहाल करेगा उस
दिन ठीक से जान जाओगे फिर गाजी शाही
की फ़ोटो लगा के घर में आरती उतरना क्योकि
कोर्ट बिना टेट वालो की घर वापसी जरूर
करवाएगा।
मैं हमेशा कहता आया हु कि जो भी
शिक्षामित्र टेट पास है वो अजर अमर है और
वो नोकरी करते रहेंगे ,सोचे शिक्षामित्र नेता
और उनके भक्त।
अगर हाइकोर्ट इलहाबाद में टेट पास
शिक्षामित्र की तरफ से एक भी वकील होता
तो टेट पास शिक्षामित्र बच जाते।
आज ncte के वकील फिर 10 दिन का समय मांगे
किन्तु जज महोदय ने कहा की मैं केस का आदेश
आज ही करूँगा आप मौखिक कॉउंटर बताये।
RTI के जवाब में भी ncte ने dbtc को btc के
समतुल्य माना है और हमारे बहुत से dbtc किये हुए
साथी उर्दू भर्ती में जॉब कर रहे है और सरकार ने
भी यही बात कोर्ट को बताई है।
16448 में जो भी शिक्षामित्र फार्म भरे है
उनको कौंसिल तभी BSA करवाएगा जब वो
हाइकोर्ट से आदेश करवाएंगे।
कॉउंसिल केवल याची ही करवा सकता है और
कट ऑफ़ में नाम आने पे नियुकित भी केवल
याची को ही मिलेगी ।
12 सेप्टेम्बर के बाद से जब से आम शिक्षामित्र
जागा है तब से हर बार विरोधी को मुँह की
खानी पड़ रही है जैसे 7 दिसम्बर 2015 को स्टे,
8 जनवरी 2016 को ट्रेनिंग पे जीत,26 अप्रैल
2016 को इलहाबाद हाइकोर्ट में ट्रेनिंग पे जीत
और कई बार विरोधी मुँह ताकता रह गया और
सबसे बड़ी जीत आज मिली।
गाजी शाही आज तक केवल मुर्ख बनाते रहे और
बनाते रहेंगे किन्तु अब आम शिक्षामित्र खुद
कमाल सम्भाल चुका है ।
टेट पास शिक्षामित्रो को विशेष सक्रीय
टीम सुप्रीम कोर्ट में भी जीत दिलवाएगी ,ये
पूर्ण विश्वास है।
जो आज नॉन टेट पे जीत का सपना दिखा रहे है
वो कभी सच नहीं होगा क्योकि बिना टेट
कोई भी रास्ता नहीं है अद्यापक बनने का।
हा अगर सरकार चाहे तो सभी को बचा सकती
है किंतु अब सरकार करेगी नहीं क्योकि जब वो
करने जा रही थी तब गाजी शाही की
नोटँकी गोमती किनारे शुरू हो गयी थी।
आज हाइकोर्ट ने सभी को उत्तर दे दिया जो
कहा करते है कि टेट पेट कुछ नहीं केवल मन का
वहम है ।
टेट ही वो बला है जो शिक्षामित्रो को
सुप्रीम कोर्ट में बचाएगी ।
धन्यवाद।।
विशेष सक्रीय टीम
उत्तर प्रदेश
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