जागरण संवाददाता, लखनऊ मानदेय की मांग को लेकर विधानभवन का घेराव करने जा रहे वित्तविहीन शिक्षकों पर पुलिस ने खूब लाठियां बरसाई। हजरतगंज में पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई शिक्षक घायल हो गए। फिलहाल पुलिस ने शिक्षकों को बलपूर्वक गिरफ्तार कर लिया और उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया है।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों द्वारा पार्क रोड पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में तंबू लगाकर किए जा रहे प्रदर्शन को भी बंद करवा दिया गया।
माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा उप्र के आवाहन पर प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में आए वित्त विहीन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक दोपहर करीब 12 बजे पार्क रोड स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय से हजरतगंज की ओर बढ़े। शिक्षकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। हजरतगंज में पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। इसके विरोध में शिक्षक भी उनसे भिड़ गए। करीब दो घंटे तक पुलिस व शिक्षकों के बीच संघर्ष चलता रहा। इस दौरान पुलिस के लाठीचार्ज से महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष व एमएलसी उमेश द्विवेदी के कपड़े फट गए। इनके साथ महासभा के अध्यक्ष चौधरी रामवीर सिंह यादव, अशोक राठौर, अजय सिंह सहित कई शिक्षक घायल हो गए। इसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन लाया गया।
एमएलसी उमेश द्विवेदी ने पुलिस व प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी महिला शिक्षकों के लिए महिला पुलिस तक नहीं थी। उनका कहना है कि सरकार ने वित्तविहीन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को मानदेय देने का ऐलान किया था और इसके लिए बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया था। मगर कुछ उच्चाधिकारी इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं। उनका कहना है कि वित्तविहीन शिक्षक तब तक लखनऊ नहीं छोड़ेंगे जब तक उन्हें मानदेय नहीं मिल पाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तार कर पुलिस लाइन में जिस कमरे में शिक्षकों को रखा गया उसकी बिजली भी काट दी गई।
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प्रदर्शनकारी शिक्षकों द्वारा पार्क रोड पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में तंबू लगाकर किए जा रहे प्रदर्शन को भी बंद करवा दिया गया।
माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा उप्र के आवाहन पर प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में आए वित्त विहीन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक दोपहर करीब 12 बजे पार्क रोड स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय से हजरतगंज की ओर बढ़े। शिक्षकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। हजरतगंज में पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। इसके विरोध में शिक्षक भी उनसे भिड़ गए। करीब दो घंटे तक पुलिस व शिक्षकों के बीच संघर्ष चलता रहा। इस दौरान पुलिस के लाठीचार्ज से महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष व एमएलसी उमेश द्विवेदी के कपड़े फट गए। इनके साथ महासभा के अध्यक्ष चौधरी रामवीर सिंह यादव, अशोक राठौर, अजय सिंह सहित कई शिक्षक घायल हो गए। इसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन लाया गया।
एमएलसी उमेश द्विवेदी ने पुलिस व प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी महिला शिक्षकों के लिए महिला पुलिस तक नहीं थी। उनका कहना है कि सरकार ने वित्तविहीन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को मानदेय देने का ऐलान किया था और इसके लिए बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया था। मगर कुछ उच्चाधिकारी इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं। उनका कहना है कि वित्तविहीन शिक्षक तब तक लखनऊ नहीं छोड़ेंगे जब तक उन्हें मानदेय नहीं मिल पाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तार कर पुलिस लाइन में जिस कमरे में शिक्षकों को रखा गया उसकी बिजली भी काट दी गई।
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