लखनऊ.सीएम योगी ने मंगलवार शाम पांच बजे लोकभवन में कैबिनेट की बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में शिक्षामित्रों को वेटेज देने के लिए नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है।
इससे उन्हें राहत मिलेगी। बता दें, शिक्षामित्र अपने मानदेश को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षामित्रों का एक डेलिगेशन सीएम योगी से भी मिल चुका है।
इन मुद्दों पर लग सकती है मुहर
- बैठक में अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए प्रस्तावित कानून यूपीकोका पर अध्यादेश या विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी जा सकती है।
- इसके अलावा गाजियाबाद मेट्रो और कानपुर मेट्रो से संबंधित प्रस्तावों को भी मंजूरी दी जा सकती है।
- नई औद्योगिक नीति को लागू करने के लिए दिशानिर्देश मंजूर किए जा सकते हैं।
क्या है शिक्षामित्रों का मामला?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्रों की असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई नियुक्ति अवैध है।
- वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
- बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
- जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
- सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद से शिक्षामित्र योगी सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों को 3500 रूपए मानदेय मिलता है जिसे वो 39 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं।
- मानदेय बढ़ाने, अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन करने सहित कई अन्य मुद्दों पर शिक्षामित्रों की सीएम योगी आदित्यनाथ और अपर सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप से अब तक कुल 3 बार वार्ता हुई थी। इसके बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
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इससे उन्हें राहत मिलेगी। बता दें, शिक्षामित्र अपने मानदेश को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षामित्रों का एक डेलिगेशन सीएम योगी से भी मिल चुका है।
इन मुद्दों पर लग सकती है मुहर
- बैठक में अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए प्रस्तावित कानून यूपीकोका पर अध्यादेश या विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी जा सकती है।
- इसके अलावा गाजियाबाद मेट्रो और कानपुर मेट्रो से संबंधित प्रस्तावों को भी मंजूरी दी जा सकती है।
- नई औद्योगिक नीति को लागू करने के लिए दिशानिर्देश मंजूर किए जा सकते हैं।
क्या है शिक्षामित्रों का मामला?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्रों की असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई नियुक्ति अवैध है।
- वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
- बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
- जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
- सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद से शिक्षामित्र योगी सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों को 3500 रूपए मानदेय मिलता है जिसे वो 39 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं।
- मानदेय बढ़ाने, अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन करने सहित कई अन्य मुद्दों पर शिक्षामित्रों की सीएम योगी आदित्यनाथ और अपर सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप से अब तक कुल 3 बार वार्ता हुई थी। इसके बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
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