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स्कूलों से गैरहाजिर रहे 2645 शिक्षामित्र

अमर उजाला ब्यूरो,बदायूं समायोजन रद्द होने के बाद से आंदोलित शिक्षामित्रों पर शासन स्तर से सख्ती शुरू हो गई है। मानदेय बढ़ाने के बाद भी धरना-प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों की उपस्थिति की रिपोर्ट रोजाना ही शासन को भेजी जाने लगी है।
सोमवार को जिले में 2645 शिक्षामित्र स्कूलों से नदारद रहे। बीएसए पीसी यादव ने इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
सपा शासनकाल में शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षामित्रों का सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन रद्द कर दिया था। तब से पूरे प्रदेश में शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने का वादा किया था। सो पिछले दिनों कैबिनेट ने प्रस्ताव पास कर शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया। शिक्षामित्र इससे खुश नहीं हैं और वह बीते कई दिन से आंदोलन पर हैं। प्रदेश सरकार से नाखुश शिक्षामित्र केंद्र सरकार से फरियाद लगाने को दिल्ली चले गए। इसे राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया। सरकार ने सभी बीएसए को निर्देश दिए कि रोजाना शिक्षामित्रों की स्कूलों में उपस्थिति और अनुपस्थिति की रिपोर्ट दी जाए। शासन के निर्देश पर बीएसए पीसी यादव ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को शिक्षामित्रों की उपस्थिति और अनुपस्थिति के बारे में रोजाना कार्यालय को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
शाम को बीएसए ने बताया कि जिले में 2870 शिक्षामित्र हैं जिनमें 2727 शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित हुए थे। 264 आज भी शिक्षामित्र ही हैं। बीएसए ने बताया कि सोमवार को जिले में 225 ही शिक्षामित्र उपस्थित रहे हैं। जैसी की रिपोर्ट कार्यालय को मिली है उसके अनुसार 2645 शिक्षामित्र अपने स्कूल से नदारद रहे। इसकी रिपोर्ट शाम को शासन को भेज दी गई।

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