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शिक्षामित्रों के मानदेय भुगतान में देरी के लिए बीएसए जिम्मेदार

इलाहाबाद। शिक्षामित्रों के मानदेय भुगतान में देरी के लिए मुख्य रूप से बीएसए जिम्मेदार हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय को असमायोजित शिक्षामित्रों तथा समायोजन रद्द होने के बाद नियोजित शिक्षामित्रों की वास्तविक सूचना समय से न उपलब्ध होने के कारण मानदेय की धनराशि शासन से जारी नहीं हो सकी।
अब बेसिक शिक्षा निदेशक ने कई जिलों के बीएसए को 20 दिसंबर तक प्रत्येक दशा में सूचना ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
सर्वोच्च अदालत से सहायक अध्यापक के पद से शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द गत 25 जुलाई को हुआ था। इसके बाद शासन ने 20 सितंबर को शिक्षामित्रों को समायोजित किए जाने के लिए पूर्व में निर्गत सभी शासनादेशों को निरस्त कर दिया और एक अगस्त से शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से 11 माह तक मानदेय भुगतान का आदेश जारी किया। बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को पत्र लिखकर निर्धारित प्रारूप पर असमायोजित शिक्षामित्रों तथा समायोजन रद्द होने के बाद नियोजित शिक्षामित्रों की वास्तविक एवं शत-प्रतिशत सही सूचना 14 नवंबर तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, लेकिन इसे बीएसए ने गंभीरता से नहीं लिया।
सहारनपुर, एटा, अमरोहा, मुरादाबाद, श्रावस्ती, ललितपुर, गोरखपुर, देवरिया, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, कन्नौज, मऊ एवं मेरठ के अतिरिक्त किसी जनपद से इस संबंध में सूचना नहीं भेजी गई, जब कि स्पष्ट किया गया था कि सूचना प्राप्त होने के बाद ही शिक्षामित्रों के मानदेय भुगतान के लिए धनराशि का आवंटन संभव हो सकेगा और अतिरिक्त धनराशि की मांग शासन से की जा सकेगी। बीएसए की इस लापरवाही के कारण ही शिक्षामित्रों के मानदेय के लिए शासन से धनराशि नहीं जारी हो सकी। ऐसे में बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने बीएसए को 20 दिसंबर तक सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसमें देरी करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी हिदायत दी है।
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