अब हस्ताक्षर का दांव चलेंगे शिक्षक , प्रदेश सरकार के खिलाफ असंतोष बरकरार
राज्यपाल को चार लाख हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपने की तैयारी
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मुख्यमंत्री के आश्वासन पर बीते दिनों वित्तविहीन शिक्षकों ने यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तो शुरू कर दिया, लेकिन मांगे पूरी होंगी इसका भरोसा अभी भी नहीं है।
यही कारण है कि वित्तविहीन शिक्षकों ने सरकार को घेरने की अपनी कवायद जारी रखी है।अब हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में चार लाख से अधिक वित्तविहीन शिक्षकों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा जाएगा। फिर भी बात न बनी तो 27 जून से जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा।
प्रदेश में 17 हजार वित्तविहीन विद्यालयों में लगभग चार लाख 56 हजार शिक्षक कार्यरत हैं। इनकी वेतन विसंगति का मामला लंबे समय से उठ रहा है। स्थिति यह है कि अधिकतर विद्यालयों में वेतन के नाम पर मात्र 15 सौ से लेकर दो हजार रुपये मिलता है। विधानसभा चुनाव से पहले सपा ने सरकार बनने पर वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को उचित एवं समान मानदेय लागू कराने का आश्वासन दिया था पर कुछ न हुआ। इसके चलते इन शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया था।
बाद में मुख्यमंत्री के आश्वासन पर कापी जांचने शुरू किया गया। इसके बाद भी आशंका अभी कायम है। अशासकीय माध्यमिक शिक्षक महासभा के प्रदेश महासचिव एवं इलाहाबाद-झांसी निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी त्रिवेणी प्रसाद त्रिपाठी तो यहां तक कहते हैं कि मुख्यमंत्री से मिलने वाले नेताओं ने हमें छला है। जब सरकार सवित्त एवं राजकीय शिक्षकों की भांति हमें परीक्षक, कक्ष निरीक्षक व केंद्र व्यवस्थापक जैसा अधिकार दे रही है तब दूसरी सुविधाएं देने में विलंब क्यों हो रहा है? कहा कि मुख्यमंत्री ने कापी जांचने के लिए मामला टाल दिया है।
इसके खिलाफ 27 अप्रैल को वित्तविहीन शिक्षकों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन राज्यपाल राम नाईक को सौंपा जाएगा। यदि 27 मई तक मांगों का निस्तारण न हुआ तो शिक्षक आंदोलन करेंगे। 27 जून को हर जिले में शिक्षक गिरफ्तारी देंगे।वित्तविहीन शिक्षकों की लड़ाई में हम उनके साथ हैं। धारा सात (क) को सात (चार) में परिवर्तित कराने, अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक बनाने एवं शासन द्वारा घोषित मानदेय का भुगतान कराने को हम सदन में लड़ाई लड़ रहे हैं। जरूरत पड़ने पर सड़क पर भी उतरेंगे।
-सुरेश कुमार त्रिपाठी, शिक्षक विधायक इलाहाबाद-झांसी क्षेत्र।
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राज्यपाल को चार लाख हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपने की तैयारी
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मुख्यमंत्री के आश्वासन पर बीते दिनों वित्तविहीन शिक्षकों ने यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तो शुरू कर दिया, लेकिन मांगे पूरी होंगी इसका भरोसा अभी भी नहीं है।
यही कारण है कि वित्तविहीन शिक्षकों ने सरकार को घेरने की अपनी कवायद जारी रखी है।अब हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में चार लाख से अधिक वित्तविहीन शिक्षकों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा जाएगा। फिर भी बात न बनी तो 27 जून से जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा।
प्रदेश में 17 हजार वित्तविहीन विद्यालयों में लगभग चार लाख 56 हजार शिक्षक कार्यरत हैं। इनकी वेतन विसंगति का मामला लंबे समय से उठ रहा है। स्थिति यह है कि अधिकतर विद्यालयों में वेतन के नाम पर मात्र 15 सौ से लेकर दो हजार रुपये मिलता है। विधानसभा चुनाव से पहले सपा ने सरकार बनने पर वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को उचित एवं समान मानदेय लागू कराने का आश्वासन दिया था पर कुछ न हुआ। इसके चलते इन शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया था।
बाद में मुख्यमंत्री के आश्वासन पर कापी जांचने शुरू किया गया। इसके बाद भी आशंका अभी कायम है। अशासकीय माध्यमिक शिक्षक महासभा के प्रदेश महासचिव एवं इलाहाबाद-झांसी निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी त्रिवेणी प्रसाद त्रिपाठी तो यहां तक कहते हैं कि मुख्यमंत्री से मिलने वाले नेताओं ने हमें छला है। जब सरकार सवित्त एवं राजकीय शिक्षकों की भांति हमें परीक्षक, कक्ष निरीक्षक व केंद्र व्यवस्थापक जैसा अधिकार दे रही है तब दूसरी सुविधाएं देने में विलंब क्यों हो रहा है? कहा कि मुख्यमंत्री ने कापी जांचने के लिए मामला टाल दिया है।
इसके खिलाफ 27 अप्रैल को वित्तविहीन शिक्षकों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन राज्यपाल राम नाईक को सौंपा जाएगा। यदि 27 मई तक मांगों का निस्तारण न हुआ तो शिक्षक आंदोलन करेंगे। 27 जून को हर जिले में शिक्षक गिरफ्तारी देंगे।वित्तविहीन शिक्षकों की लड़ाई में हम उनके साथ हैं। धारा सात (क) को सात (चार) में परिवर्तित कराने, अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक बनाने एवं शासन द्वारा घोषित मानदेय का भुगतान कराने को हम सदन में लड़ाई लड़ रहे हैं। जरूरत पड़ने पर सड़क पर भी उतरेंगे।
-सुरेश कुमार त्रिपाठी, शिक्षक विधायक इलाहाबाद-झांसी क्षेत्र।
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