लटक सकता है टीजीटी-पीजीटी का रिजल्ट , दो महीने में नहीं हो सका आपत्तियों का निस्तारण
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के दो महीने बाद भी अभ्यर्थियों की आपत्तियों का निस्तारण नहीं हो सका है। चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी-पीजीटी की परीक्षाएं जनवरी एवं फरवरी माह में कराई गई थीं।
चयन बोर्ड ने 22 फरवरी को अंतिम परीक्षा कराई थी। परीक्षा के दो महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी चयन बोर्ड की ओर से प्रश्नों की गड़बड़ी दूर करने के लिए कोई पहल नहीं की है। परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं (ओएमआर) अभी चयन बोर्ड के पास ही रखी हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी-पीजीटी 2013 की परीक्षा जनवरी-फरवरी में कराई गई थी। परीक्षा के बाद आयोग केअध्यक्ष ने दावा किया था कि अंतिम चरण की परीक्षा पूरी होते ही पहले चरण की परीक्षा के लिए आई आपत्तियों का निस्तारण कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया था कि आपत्तियों पर निस्तारण का काम जारी है जबकि चयन बोर्ड के लोगों का कहना है कि अभी तक विशेषज्ञों के माध्यम से छात्रों की शिकायतों की जांच पूरी नहीं हो सकी है।
चयन बोर्ड की ओर से हुई टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के लगभग हर प्रश्नपत्र में अभ्यर्थियों की ओर से हजारों की संख्या में आपत्तियां आई है। आपत्तियों के निस्तारण के लिए पहले सभी अभ्यर्थी की शिकायत को आयोग के रिकार्ड में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हुई। अभ्यर्थियों ने प्रश्न गलत होने के साथ कोर्स से बाहर से प्रश्न पूछने की शिकायत की है। आपत्तियों के निस्तारण के बाद संशोधित उत्तर जारी करके कापियों को मूल्यांकन के लिए भेजा जाएगा। ऐसे में टीजीटी-पीजीटी परीक्षा का परिणाम लंबित हो सकता है। चयन बोर्ड के सचिव जितेन्द्र कुमार का कहना है कि आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। शीघ्र ही संशोधित कुंजी जारी की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अध्यक्ष का दावा हवा-हवाई निकला, नहीं जारी हुई संशोधित कुंजी
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चयन बोर्ड ने 22 फरवरी को अंतिम परीक्षा कराई थी। परीक्षा के दो महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी चयन बोर्ड की ओर से प्रश्नों की गड़बड़ी दूर करने के लिए कोई पहल नहीं की है। परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं (ओएमआर) अभी चयन बोर्ड के पास ही रखी हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी-पीजीटी 2013 की परीक्षा जनवरी-फरवरी में कराई गई थी। परीक्षा के बाद आयोग केअध्यक्ष ने दावा किया था कि अंतिम चरण की परीक्षा पूरी होते ही पहले चरण की परीक्षा के लिए आई आपत्तियों का निस्तारण कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया था कि आपत्तियों पर निस्तारण का काम जारी है जबकि चयन बोर्ड के लोगों का कहना है कि अभी तक विशेषज्ञों के माध्यम से छात्रों की शिकायतों की जांच पूरी नहीं हो सकी है।
चयन बोर्ड की ओर से हुई टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के लगभग हर प्रश्नपत्र में अभ्यर्थियों की ओर से हजारों की संख्या में आपत्तियां आई है। आपत्तियों के निस्तारण के लिए पहले सभी अभ्यर्थी की शिकायत को आयोग के रिकार्ड में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हुई। अभ्यर्थियों ने प्रश्न गलत होने के साथ कोर्स से बाहर से प्रश्न पूछने की शिकायत की है। आपत्तियों के निस्तारण के बाद संशोधित उत्तर जारी करके कापियों को मूल्यांकन के लिए भेजा जाएगा। ऐसे में टीजीटी-पीजीटी परीक्षा का परिणाम लंबित हो सकता है। चयन बोर्ड के सचिव जितेन्द्र कुमार का कहना है कि आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। शीघ्र ही संशोधित कुंजी जारी की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अध्यक्ष का दावा हवा-हवाई निकला, नहीं जारी हुई संशोधित कुंजी
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