समय पर स्कूल आएं और अच्छी शिक्षा दें
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी सूबे में प्राथमिक विद्यालयों की दुर्दशा पर खासे नाराज हैं। उन्होंने शिक्षकों को सुधरने की हिदायत देते हुए कहा कि समय पर स्कूल आएं और बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। इस बाबत उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकोंव शिक्षकों को पत्र भी लिखा है।
अपने पत्र में मंत्री ने विद्यालयों की खराब गुणवत्ता पर नाखुशी जताई है। उन्होंने कहा, परिषदीय स्कूलों के कक्षा पांच से आठ तक के छात्रों की हालत यह है कि उन्हें दो-तीन के पहाड़े तक नहीं आते। बच्चे हिन्दी के सरल वाक्यों को भी ठीक से नहीं पढ़ पाते। यह हमारे लिए चिंतनीय है। समाचार पत्रों व चैनलों में इसे बड़े ही हास्यास्पद ढंग से लिखा व दिखाया जाता है। शिक्षकों का हाल यह है कि वे समय पर विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं।
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लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी सूबे में प्राथमिक विद्यालयों की दुर्दशा पर खासे नाराज हैं। उन्होंने शिक्षकों को सुधरने की हिदायत देते हुए कहा कि समय पर स्कूल आएं और बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। इस बाबत उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकोंव शिक्षकों को पत्र भी लिखा है।
अपने पत्र में मंत्री ने विद्यालयों की खराब गुणवत्ता पर नाखुशी जताई है। उन्होंने कहा, परिषदीय स्कूलों के कक्षा पांच से आठ तक के छात्रों की हालत यह है कि उन्हें दो-तीन के पहाड़े तक नहीं आते। बच्चे हिन्दी के सरल वाक्यों को भी ठीक से नहीं पढ़ पाते। यह हमारे लिए चिंतनीय है। समाचार पत्रों व चैनलों में इसे बड़े ही हास्यास्पद ढंग से लिखा व दिखाया जाता है। शिक्षकों का हाल यह है कि वे समय पर विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं।
पठन-पाठन में भी रुचि नहीं दिखा रहे। यही वजह है कि परिषदीय विद्यालयों में छात्र संख्या में भी कमी आई है।
हाल ही में कुछ चैनलों ने स्टिंग ऑपरेशन किया। उसमें भी शिक्षकों की कलई खुल गई। कुछ शिक्षक तो प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं बता पाए। यह देखकर मैं खुद असहज हो गया।
बेसिक शिक्षा के स्कूलों में शिक्षा, किताबें व यूनिफार्म सभी मुफ्त है। दोपहर का भोजन भी मिलता है। विद्यालयों में पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं इसके बावजूद लोग दो से तीन कमरों के स्कूलों में महंगी फीस देकर अपने बच्चों को पढ़ने भेज रहे हैं। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अच्छा वेतन मिल रहा है। कई अन्य लाभ भी दिए जा रहे हैं। फिर भी वे अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। मंत्री ने अंत में लिखा कि इस पत्र को आप मेरा निवेदन मानिए या आदेश लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप समय पर विद्यालय जाएं। बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर उन्हें एक श्रेष्ठ नागरिक बनाने में योगदान दें। यह हम सबका दायित्व भी है।
बेसिक शिक्षा की बदहाली पर मंत्री राम गोविंद चौधरी नाखुश
शिक्षकों को पत्र भेज कर सुधरने की दी हिदायत
हाल ही में कुछ चैनलों ने स्टिंग ऑपरेशन किया। उसमें भी शिक्षकों की कलई खुल गई। कुछ शिक्षक तो प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं बता पाए। यह देखकर मैं खुद असहज हो गया।
बेसिक शिक्षा के स्कूलों में शिक्षा, किताबें व यूनिफार्म सभी मुफ्त है। दोपहर का भोजन भी मिलता है। विद्यालयों में पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं इसके बावजूद लोग दो से तीन कमरों के स्कूलों में महंगी फीस देकर अपने बच्चों को पढ़ने भेज रहे हैं। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अच्छा वेतन मिल रहा है। कई अन्य लाभ भी दिए जा रहे हैं। फिर भी वे अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। मंत्री ने अंत में लिखा कि इस पत्र को आप मेरा निवेदन मानिए या आदेश लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप समय पर विद्यालय जाएं। बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर उन्हें एक श्रेष्ठ नागरिक बनाने में योगदान दें। यह हम सबका दायित्व भी है।
बेसिक शिक्षा की बदहाली पर मंत्री राम गोविंद चौधरी नाखुश
शिक्षकों को पत्र भेज कर सुधरने की दी हिदायत
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