तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2400 से अधिक सीटें खाली
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बीटीसी 2013 में तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2400 से ज्यादा सीटों पर रिक्तियां चिह्न्ति हुई है। इससे पहले यह संख्या 2297 बताई गई थी। रिक्तियों की पुष्टि में यह संख्या बढ़ गई। यानी कि बीटीसी-2013 में अब 125 से ज्यादा सीटों पर और रिक्तियां बढ़ गई है।
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राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बीटीसी 2013 में तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2400 से ज्यादा सीटों पर रिक्तियां चिह्न्ति हुई है। इससे पहले यह संख्या 2297 बताई गई थी। रिक्तियों की पुष्टि में यह संख्या बढ़ गई। यानी कि बीटीसी-2013 में अब 125 से ज्यादा सीटों पर और रिक्तियां बढ़ गई है।
महत्वपूर्ण यह है कि
सर्वाधिक रिक्तियां सामान्य महिला एवं पुरुष वर्ग के सीटों पर चिह्न्ति हुई
है। अब सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की कोशिश है कि मई के दूसरे सप्ताह
में चौथे चरण की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। डायट प्राचार्यो द्वारा
भेजी गई सूची में सर्वाधिक 142 रिक्तियां आगरा जिले में चिह्न्ति हुई है।
इसी तरह मेरठ, गाजियाबाद, आजमगढ़ और गाजीपुर रिक्तियां पाई गई है।
गौरतलब है कि दाखिले को लेकर सर्वाधिक पेच अल्पसंख्यक बीटीसी कालेजों को लेकर फंसा है। अल्पसंख्यक कालेज शतप्रतिशत सीटों पर खुद दावा ठोक रहे हैं जबकि 50 फीसद सीट ही मैनेजमेंट कोटा के तहत आवंटित है। ऐसे में कुछ अल्पसंख्यक कालेजों ने हाई कोर्ट की शरण लेकर शतप्रतिशत सीटों पर अपनी दावेदारी सुनिश्चित कर ली है। बीटीसी-2013 में 21 अल्पसंख्यक कालेज दाखिले के लिए अधिकृत हैं। ऐसे में इन कालेजों ने खुद के स्तर पर पहले और दूसरे चरण की काउंसिलिंग में शत-प्रतिशत सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर ली। उधर, डायट ने तीसरे चरण के नामांकन में सैकड़ों विद्यार्थियों को अल्पसंख्यक कालेज आवंटित कर दिए लेकिन अल्पसंख्यक कालेज सीट खाली नहीं होने का हवाला देकर दाखिले से इन्कार कर रहे हैं। 2013 सत्र में सर्वाधिक अल्पसंख्यक कालेज मेरठ और बागपत के हैं।
बीटीसी 2013-14 में तीसरे चरण की प्रवेश क्रिया पूरी होने के बाद करीब 11 हजार अभ्यर्थियों को छह माह से दाखिला मिलने का इंतजार है। ऐसे में आगामी सत्र भी प्रभावित हो रहा है। अब अगर नये सत्र की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होती है तो इसे पूरा होने में कम से कम चार से पांच माह का समय लगेगा।
गौरतलब है कि दाखिले को लेकर सर्वाधिक पेच अल्पसंख्यक बीटीसी कालेजों को लेकर फंसा है। अल्पसंख्यक कालेज शतप्रतिशत सीटों पर खुद दावा ठोक रहे हैं जबकि 50 फीसद सीट ही मैनेजमेंट कोटा के तहत आवंटित है। ऐसे में कुछ अल्पसंख्यक कालेजों ने हाई कोर्ट की शरण लेकर शतप्रतिशत सीटों पर अपनी दावेदारी सुनिश्चित कर ली है। बीटीसी-2013 में 21 अल्पसंख्यक कालेज दाखिले के लिए अधिकृत हैं। ऐसे में इन कालेजों ने खुद के स्तर पर पहले और दूसरे चरण की काउंसिलिंग में शत-प्रतिशत सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर ली। उधर, डायट ने तीसरे चरण के नामांकन में सैकड़ों विद्यार्थियों को अल्पसंख्यक कालेज आवंटित कर दिए लेकिन अल्पसंख्यक कालेज सीट खाली नहीं होने का हवाला देकर दाखिले से इन्कार कर रहे हैं। 2013 सत्र में सर्वाधिक अल्पसंख्यक कालेज मेरठ और बागपत के हैं।
बीटीसी 2013-14 में तीसरे चरण की प्रवेश क्रिया पूरी होने के बाद करीब 11 हजार अभ्यर्थियों को छह माह से दाखिला मिलने का इंतजार है। ऐसे में आगामी सत्र भी प्रभावित हो रहा है। अब अगर नये सत्र की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होती है तो इसे पूरा होने में कम से कम चार से पांच माह का समय लगेगा।
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