मनमाने ढंग से नहीं रोक सकेंगे शिक्षकों का वेतन , डीआईओएस को मनमानी अब पड़ेगी भारी
लखनऊ जिला विद्यालय निरीक्षकों की मनमानी से आए दिन होने वाले मुकदमों को लेकर होने वाली विभागीय किरकरी से बचने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट निर्देश दिया है। डीआईओएस से कहा गया है कि वे सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों के सेवा संबंधी मामलों को समय से निस्तारित करेंगे। यही नहीं मनमाने ढंग से शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भी नहीं रोका जा सकेगा। प्रकरण को अनावश्यक रूप से लटकाने के लिए उच्च स्तर पर संदर्भित न किया जाए। प्रत्येक स्थिति में विभागीय दायित्वों का निर्वहन समय से किया जाएगा।
डीआईओएस की मनमानी का आलम यह है कि सहायता प्राप्त स्कूलों में होने वाली नियुक्तियों पर वे अपने हिसाब से काम करते हैं। एक ही नियम से रखे गए कुछ शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन तो दिया जाता है और कुछ का रोक दिया जाता है। ऐसे मामलों में आए दिन मुकदमे होते रहते हैं। इसमें माध्यमिक शिक्षा निदेशक से लेकर प्रमुख सचिव तक को हाईकोर्ट में जाकर खड़ा रहना पड़ता है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने प्रदेशभर के डीआईओएस को भेजे निर्देश में कहा है कि वे शासकीय दायित्वों का समय से निस्तारण करेंगे।
उन्होंने कहा है कि डीआईओएस किसी भी प्रकरण का तुरंत संज्ञान लेंगे। अधिनियम व नियमों में दी गई व्यवस्था के आधार पर उसका परीक्षण होगा। इसमें किसी भी प्रकार की कमी या गड़बड़ी मिलती है तो इसकी सूचना तत्काल संबंधित को दी जाए। उत्तर प्राप्त होने के बाद गुणदोष के आधार पर समय से मामले का निस्तारण होगा। साथ ही अधीनस्थों को सौंपे गए काम की माह में कम से कम दो बार समीक्षा की जाएगी। इस दौरान लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
•डीआईओएस को मनमानी अब पड़ेगी भारी
•मुकदमा होने पर होगी अब सीधी जिम्मेदारी
डीआईओएस की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में होगी इंट्री
डीआईओएस मनमानी से बाज नहीं आता है तो उसके वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में इसकी इंट्री की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पहली बार यह व्यवस्था लागू की है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि किसी भी मामले में समय से निर्णय न किए जाने पर इसको गंभीरता से लिया जाएगा। शिकायत के बाद जांच के दौरान डीआईओएस की लापरवाही साबित होने पर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
लखनऊ जिला विद्यालय निरीक्षकों की मनमानी से आए दिन होने वाले मुकदमों को लेकर होने वाली विभागीय किरकरी से बचने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट निर्देश दिया है। डीआईओएस से कहा गया है कि वे सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों के सेवा संबंधी मामलों को समय से निस्तारित करेंगे। यही नहीं मनमाने ढंग से शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भी नहीं रोका जा सकेगा। प्रकरण को अनावश्यक रूप से लटकाने के लिए उच्च स्तर पर संदर्भित न किया जाए। प्रत्येक स्थिति में विभागीय दायित्वों का निर्वहन समय से किया जाएगा।
डीआईओएस की मनमानी का आलम यह है कि सहायता प्राप्त स्कूलों में होने वाली नियुक्तियों पर वे अपने हिसाब से काम करते हैं। एक ही नियम से रखे गए कुछ शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन तो दिया जाता है और कुछ का रोक दिया जाता है। ऐसे मामलों में आए दिन मुकदमे होते रहते हैं। इसमें माध्यमिक शिक्षा निदेशक से लेकर प्रमुख सचिव तक को हाईकोर्ट में जाकर खड़ा रहना पड़ता है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने प्रदेशभर के डीआईओएस को भेजे निर्देश में कहा है कि वे शासकीय दायित्वों का समय से निस्तारण करेंगे।
उन्होंने कहा है कि डीआईओएस किसी भी प्रकरण का तुरंत संज्ञान लेंगे। अधिनियम व नियमों में दी गई व्यवस्था के आधार पर उसका परीक्षण होगा। इसमें किसी भी प्रकार की कमी या गड़बड़ी मिलती है तो इसकी सूचना तत्काल संबंधित को दी जाए। उत्तर प्राप्त होने के बाद गुणदोष के आधार पर समय से मामले का निस्तारण होगा। साथ ही अधीनस्थों को सौंपे गए काम की माह में कम से कम दो बार समीक्षा की जाएगी। इस दौरान लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
•डीआईओएस को मनमानी अब पड़ेगी भारी
•मुकदमा होने पर होगी अब सीधी जिम्मेदारी
डीआईओएस की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में होगी इंट्री
डीआईओएस मनमानी से बाज नहीं आता है तो उसके वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में इसकी इंट्री की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पहली बार यह व्यवस्था लागू की है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि किसी भी मामले में समय से निर्णय न किए जाने पर इसको गंभीरता से लिया जाएगा। शिकायत के बाद जांच के दौरान डीआईओएस की लापरवाही साबित होने पर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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