अब शासन देखेगा मिड डे मील की गड़बड़ी
मैनपुरी : मिड डे मील पर अब खुद शासन नजर रखेगा। जुलाई से शासन की एक टीम विद्यालयों में आकस्मिक निरीक्षण करेगी और बच्चों की इस भोजन की गुणवत्ता परखेगी। यही नहीं बच्चों की स्कूल में मौजूदगी का भी सत्यापन होगा। मिड डे मील को लेकर जिले में हमेशा से अंगुलियां उठती रही हैं। बच्चों को गुणवत्तापरक खाना नहीं मिल पा रहा है वहीं स्कूलों में फर्जी छात्र संख्या भी दिखाई जा रही है। इन सब मामलों का शासन ने सीधे संज्ञान लिया है।
शासन ने जुलाई से परिषदीय विद्यालयों में आकस्मिक निरीक्षण कराने का फैसला लिया है। शासन की टीम सीधे विद्यालयों में पहुंचेगी। उस दिन का मिड डे मील चेक करेगी।
मिड डे मील पंजिका में बच्चों की दर्ज संख्या भी जांचेगी। यही नहीं एक सप्ताह पहले की बच्चों की संख्या पर भी नजर डाली जाएगी। इससे ये पता चलेगा कि जिस दिन टीम निरीक्षण कर रही है उस दिन छात्र संख्या कितनी है और उससे पहले के दिनों में कितनी छात्र संख्या थी।
हो चुका है करोड़ों का घोटाला
वर्ष 2011 में जिले में 19 करोड़ रुपये का मिड डे मील का घोटाला भी हो चुका है। इस घोटाले में दो तत्कालीन डीएम, दो सीडीओ, एक बीएसए, लिपिक जिला समन्वयक डासना जेल में बंद हैं। इनमें से एक तत्कालीन जिला अधिकारी जमानत पर चल रहे हैं।
अधिकारी कहिन
'मिड डे मील पर शासन की नजर है स्कूलों में बनने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता और छात्र संख्या पर विशेष नजर रखी जाएगी। जिन विद्यालयों में गड़बड़ी मिलेगी उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।'
प्रदीप कुमार वर्मा, बीएसए, मैनपुरी।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
मैनपुरी : मिड डे मील पर अब खुद शासन नजर रखेगा। जुलाई से शासन की एक टीम विद्यालयों में आकस्मिक निरीक्षण करेगी और बच्चों की इस भोजन की गुणवत्ता परखेगी। यही नहीं बच्चों की स्कूल में मौजूदगी का भी सत्यापन होगा। मिड डे मील को लेकर जिले में हमेशा से अंगुलियां उठती रही हैं। बच्चों को गुणवत्तापरक खाना नहीं मिल पा रहा है वहीं स्कूलों में फर्जी छात्र संख्या भी दिखाई जा रही है। इन सब मामलों का शासन ने सीधे संज्ञान लिया है।
शासन ने जुलाई से परिषदीय विद्यालयों में आकस्मिक निरीक्षण कराने का फैसला लिया है। शासन की टीम सीधे विद्यालयों में पहुंचेगी। उस दिन का मिड डे मील चेक करेगी।
मिड डे मील पंजिका में बच्चों की दर्ज संख्या भी जांचेगी। यही नहीं एक सप्ताह पहले की बच्चों की संख्या पर भी नजर डाली जाएगी। इससे ये पता चलेगा कि जिस दिन टीम निरीक्षण कर रही है उस दिन छात्र संख्या कितनी है और उससे पहले के दिनों में कितनी छात्र संख्या थी।
हो चुका है करोड़ों का घोटाला
वर्ष 2011 में जिले में 19 करोड़ रुपये का मिड डे मील का घोटाला भी हो चुका है। इस घोटाले में दो तत्कालीन डीएम, दो सीडीओ, एक बीएसए, लिपिक जिला समन्वयक डासना जेल में बंद हैं। इनमें से एक तत्कालीन जिला अधिकारी जमानत पर चल रहे हैं।
अधिकारी कहिन
'मिड डे मील पर शासन की नजर है स्कूलों में बनने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता और छात्र संख्या पर विशेष नजर रखी जाएगी। जिन विद्यालयों में गड़बड़ी मिलेगी उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।'
प्रदीप कुमार वर्मा, बीएसए, मैनपुरी।
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