राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा पर एक और विवाद
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से शनिवार को घोषित राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा के रिजलट को लेकर एक और विवाद शुरू हो गया है। विवाद अंक निर्धारण को लेकर है। आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन और पेपर में दिए गए निर्देश में काफी अंतर है।
खास ये कि ध्यान दिलाने के बाद भी आयोग की ओर से इस बाबत स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया और अब परिणाम घोषित कर दिया गया। ऐसे में स्पष्ट नहीं हो सका है कि मूल्यांकन का आधार क्या रहा। परीक्षा में निराशाजनक प्रदर्शन और विवादित फैसलों से पहले से नाराज प्रतियोगियों का इसे लेकर गुस्सा और बढ़ गया है। उनका आरोप है कि आयोग की मंशा शुरू से साफ नहीं रही है और यह गड़बड़ी जानबूझकर की गई है।
राजस्व निरीक्षक भर्ती के नोटिफिकेशन में बताया गया था कि परीक्षा में 200-200 अंक के दो पेपर होंगे। पहले पेपर में सामान्य अध्ययन के 100 तथा सामान्य बुद्धि परीक्षण के 50 प्रश्न होंगे।
सामान्य अध्ययन के हर प्रश्न एक तथा सामान्य बुद्धि परीक्षण के सवाल दो अंक के हाेंगे। इसी तरह से दूसरे पेपर में एक-एक अंक के 100 प्रश्न हिंदी के होंगे। दो-दो अंक के 50 प्रश्न गणित के होंगे। दोनों प्रश्नपत्रों में सवालों की संख्या तो इतनी ही रही, लेकिन पेपर में निर्देश दिया गया था कि सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
यदि ऐसा है तो दोनों पेपर में हर सवाल 1.33 अंक का होगा। इस बाबत परीक्षा के बाद भी प्रमुखता से खबर छपी थी, लेकिन आयोग ने कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया। इससे अभ्यर्थियों में नाराजगी है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश पांडेय ने इस मुद्दे पर न्यायालय में जाने के अलावा प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है।
पेपर लीक मामले में सुनवाई आज
पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की उम्मीद है। इस मामले में पल्लवी राय तथा 10 अन्य की तरफ से याचिका दाखिल की गई है। अभ्यर्थियों की मांग है कि दूसरे पाली की परीक्षा भी निरस्त की जाए। उनकी यह भी मांग है कि जांच पूरी होने तक 10 मई को प्रस्तावित पहले पेपर स्थगित किया जाए।
प्रतियोगियों की बैठक आज
आयोग अध्यक्ष के खिलाफ प्रतियोगी और छात्र एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। प्रतियोगी छात्र संघ संघर्ष की इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर मंगलवार को शाम पांच बजे बैठक बुलाई गई है। उसमें आयोग के रिजल्ट में चयनित अभ्यर्थियों का नाम न देने, राजस्व निरीक्षक का परिणाम आदि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। छात्रों ने इन मुद्दों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है।
अंक वितरण को लेकर नोटिफिकेशन और पेपर में दिए निर्देश में अंतर
प्रतियोगियों का आरोप आयोग की शुरू से ही मंशा साफ नहीं है
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से शनिवार को घोषित राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा के रिजलट को लेकर एक और विवाद शुरू हो गया है। विवाद अंक निर्धारण को लेकर है। आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन और पेपर में दिए गए निर्देश में काफी अंतर है।
खास ये कि ध्यान दिलाने के बाद भी आयोग की ओर से इस बाबत स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया और अब परिणाम घोषित कर दिया गया। ऐसे में स्पष्ट नहीं हो सका है कि मूल्यांकन का आधार क्या रहा। परीक्षा में निराशाजनक प्रदर्शन और विवादित फैसलों से पहले से नाराज प्रतियोगियों का इसे लेकर गुस्सा और बढ़ गया है। उनका आरोप है कि आयोग की मंशा शुरू से साफ नहीं रही है और यह गड़बड़ी जानबूझकर की गई है।
राजस्व निरीक्षक भर्ती के नोटिफिकेशन में बताया गया था कि परीक्षा में 200-200 अंक के दो पेपर होंगे। पहले पेपर में सामान्य अध्ययन के 100 तथा सामान्य बुद्धि परीक्षण के 50 प्रश्न होंगे।
सामान्य अध्ययन के हर प्रश्न एक तथा सामान्य बुद्धि परीक्षण के सवाल दो अंक के हाेंगे। इसी तरह से दूसरे पेपर में एक-एक अंक के 100 प्रश्न हिंदी के होंगे। दो-दो अंक के 50 प्रश्न गणित के होंगे। दोनों प्रश्नपत्रों में सवालों की संख्या तो इतनी ही रही, लेकिन पेपर में निर्देश दिया गया था कि सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
यदि ऐसा है तो दोनों पेपर में हर सवाल 1.33 अंक का होगा। इस बाबत परीक्षा के बाद भी प्रमुखता से खबर छपी थी, लेकिन आयोग ने कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया। इससे अभ्यर्थियों में नाराजगी है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश पांडेय ने इस मुद्दे पर न्यायालय में जाने के अलावा प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है।
पेपर लीक मामले में सुनवाई आज
पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की उम्मीद है। इस मामले में पल्लवी राय तथा 10 अन्य की तरफ से याचिका दाखिल की गई है। अभ्यर्थियों की मांग है कि दूसरे पाली की परीक्षा भी निरस्त की जाए। उनकी यह भी मांग है कि जांच पूरी होने तक 10 मई को प्रस्तावित पहले पेपर स्थगित किया जाए।
प्रतियोगियों की बैठक आज
आयोग अध्यक्ष के खिलाफ प्रतियोगी और छात्र एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। प्रतियोगी छात्र संघ संघर्ष की इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर मंगलवार को शाम पांच बजे बैठक बुलाई गई है। उसमें आयोग के रिजल्ट में चयनित अभ्यर्थियों का नाम न देने, राजस्व निरीक्षक का परिणाम आदि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। छात्रों ने इन मुद्दों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है।
अंक वितरण को लेकर नोटिफिकेशन और पेपर में दिए निर्देश में अंतर
प्रतियोगियों का आरोप आयोग की शुरू से ही मंशा साफ नहीं है
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