भर्ती करने के बजाय रिटायर्ड कर्मियों को दे रहे एक्सटेंशन
लखनऊ : यूपी सचिवालय में चपरासी बनने के लिए सैकड़ों पीएचडी स्कॉलर्स तक तैयार बैठे हैं। इसका कारण साफ है बेरोजगारी। बेरोजगारी हों भी क्यों न, एक तरफ सरकार खाली पदों पर भर्ती नहीं करवा पा रही हैं, दूसरी तरफ कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ाने के लिए रिटायर्ड शिक्षकों से काम ले रही है।
वहीं शासन के कई विभागों रिटायर्ड अधिकारियों के बूते चलाए जा रहे हैं। यही नहीं हाल ही में सीएम ने रिटायर्ड नर्सों को फिर से नौकरी देने की घोषणा कर दी। ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि युवा नौकरी के लिए जाएं तो जाएं कहां/
उच्च शिक्षा निदेशालय ने बीते साल रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेने के लिए महाविद्यालयों को अनुमति दे दी थी। इसका कारण था कि शिक्षकों की कमी की वजह से महाविद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। 3500 से ज्यादा शिक्षकों को महाविद्यालयों में पढ़ाने के लिए स्वीकृति पत्र भेजे गए थे, जिन पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने सहमति दे दी थी। इन रिटायर्ड शिक्षकों की वजह से भले ही पढ़ाई प्रभावित होने से बच गई, लेकिन जो युवा इन पदों के हकदार थे, वह बेरोजगार रह गए।
चपरासी भर्ती : साक्षात्कार समिति देगी रिपोर्ट
सचिवालय की चपरासी भर्ती के लिए समिति एक सप्ताह में जवाब देगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि 368 पदों के लिए आए आवेदन काफी ज्यादा हैं। इन आवेदनों की वजह से यह विचार किया जा रहा है कि आखिर कैसे साक्षात्कार लिए जाएं।
इसलिए आती है यह नौबत/
रिटायर्ड अधिकारियों को फिर नौकरी पर रखने से सवाल यह भी उठता है कि जब विभाग को पता होता है कि उसके इतने कर्मचारी रिटायर होने जा रहे हैं तो फिर वह समय से भर्ती क्यों नहीं करता/ भर्ती न होने से रिटायर्ड कर्मचारियों को रखना पड़ता है।
रिटायर्ड नर्सों को फिर से रखा जाएगा
सीएम अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अस्पतालों को रिटायर्ड नर्सों से फिर सेवाएं लेने की घोषणा कर दी। उनके मुताबिक नर्सों के पद खाली हैं और इससे सेवाएं बाधित हो रही हैं। ऐसे में रिटायर्ड नर्सों की सेवाएं ली जा सकती हैं।
विदेश में तो शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र ही नहीं होती। रिक्त पदों पर एक साल के भीतर नियुक्त हो जानी चाहिए। इससे कानून व्यवस्था भी बेहतर रहेगी। युवा विकास में सकारात्मक योगदान दे सकेंगे।-डॉ़ मौलिंदु मिश्र, पूर्व अध्यक्ष, लुआक्टा
रिटायर्ड लोगों को एक्सटेंशन देना साफ तौर पर साठ-गांठ की तरफ इशारा करता है। वहीं दूसरी तरफ कई आईएएस प्रतीक्षारत हैं। ज्यादा समय का एक्सटेंशन देने पर केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होती है।
-डॉ़ एसपी सिंह, आईएएस
कई को मिला है सेवा विस्तार
शासन स्तर पर भी तमाम विभागों में रिटायर्ड अधिकारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। नगर विकास विभाग के सचिव एसपी सिंह एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। यहीं विशेष सचिव उमाशंकर सिंह भी एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। सचिवालय प्रशासन के सचिव प्रभात मित्तल खुद भी रिटायर्ड हैं और उन्हें एक्सटेंशन दिया गया है। यह तो विभागों की बात हुई, युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सचिव शंभू यादव और उनके ओएसडी जगदेव यादव भी रिटायर्ड हैं और उन्हें एक्सटेंशन दिया गया है।
500
3000
से ज्यादा रिटायर्ड टीचर्स हैं प्रदेश के विश्वविद्यालयों में
से ज्यादा रिटायर्ड टीचर्स पढ़ा रहे प्रदेश के महाविद्यालयों में
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
लखनऊ : यूपी सचिवालय में चपरासी बनने के लिए सैकड़ों पीएचडी स्कॉलर्स तक तैयार बैठे हैं। इसका कारण साफ है बेरोजगारी। बेरोजगारी हों भी क्यों न, एक तरफ सरकार खाली पदों पर भर्ती नहीं करवा पा रही हैं, दूसरी तरफ कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ाने के लिए रिटायर्ड शिक्षकों से काम ले रही है।
वहीं शासन के कई विभागों रिटायर्ड अधिकारियों के बूते चलाए जा रहे हैं। यही नहीं हाल ही में सीएम ने रिटायर्ड नर्सों को फिर से नौकरी देने की घोषणा कर दी। ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि युवा नौकरी के लिए जाएं तो जाएं कहां/
उच्च शिक्षा निदेशालय ने बीते साल रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेने के लिए महाविद्यालयों को अनुमति दे दी थी। इसका कारण था कि शिक्षकों की कमी की वजह से महाविद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। 3500 से ज्यादा शिक्षकों को महाविद्यालयों में पढ़ाने के लिए स्वीकृति पत्र भेजे गए थे, जिन पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने सहमति दे दी थी। इन रिटायर्ड शिक्षकों की वजह से भले ही पढ़ाई प्रभावित होने से बच गई, लेकिन जो युवा इन पदों के हकदार थे, वह बेरोजगार रह गए।
चपरासी भर्ती : साक्षात्कार समिति देगी रिपोर्ट
सचिवालय की चपरासी भर्ती के लिए समिति एक सप्ताह में जवाब देगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि 368 पदों के लिए आए आवेदन काफी ज्यादा हैं। इन आवेदनों की वजह से यह विचार किया जा रहा है कि आखिर कैसे साक्षात्कार लिए जाएं।
इसलिए आती है यह नौबत/
रिटायर्ड अधिकारियों को फिर नौकरी पर रखने से सवाल यह भी उठता है कि जब विभाग को पता होता है कि उसके इतने कर्मचारी रिटायर होने जा रहे हैं तो फिर वह समय से भर्ती क्यों नहीं करता/ भर्ती न होने से रिटायर्ड कर्मचारियों को रखना पड़ता है।
रिटायर्ड नर्सों को फिर से रखा जाएगा
सीएम अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अस्पतालों को रिटायर्ड नर्सों से फिर सेवाएं लेने की घोषणा कर दी। उनके मुताबिक नर्सों के पद खाली हैं और इससे सेवाएं बाधित हो रही हैं। ऐसे में रिटायर्ड नर्सों की सेवाएं ली जा सकती हैं।
विदेश में तो शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र ही नहीं होती। रिक्त पदों पर एक साल के भीतर नियुक्त हो जानी चाहिए। इससे कानून व्यवस्था भी बेहतर रहेगी। युवा विकास में सकारात्मक योगदान दे सकेंगे।-डॉ़ मौलिंदु मिश्र, पूर्व अध्यक्ष, लुआक्टा
रिटायर्ड लोगों को एक्सटेंशन देना साफ तौर पर साठ-गांठ की तरफ इशारा करता है। वहीं दूसरी तरफ कई आईएएस प्रतीक्षारत हैं। ज्यादा समय का एक्सटेंशन देने पर केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होती है।
-डॉ़ एसपी सिंह, आईएएस
कई को मिला है सेवा विस्तार
शासन स्तर पर भी तमाम विभागों में रिटायर्ड अधिकारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। नगर विकास विभाग के सचिव एसपी सिंह एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। यहीं विशेष सचिव उमाशंकर सिंह भी एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। सचिवालय प्रशासन के सचिव प्रभात मित्तल खुद भी रिटायर्ड हैं और उन्हें एक्सटेंशन दिया गया है। यह तो विभागों की बात हुई, युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सचिव शंभू यादव और उनके ओएसडी जगदेव यादव भी रिटायर्ड हैं और उन्हें एक्सटेंशन दिया गया है।
500
3000
से ज्यादा रिटायर्ड टीचर्स हैं प्रदेश के विश्वविद्यालयों में
से ज्यादा रिटायर्ड टीचर्स पढ़ा रहे प्रदेश के महाविद्यालयों में
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC