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Gazi imam aala कोर्ट की सम्पूर्ण अपडेट , कल की बहस हो सकती है निर्णायक : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

प्रिय शिक्षामित्र/समायोजित शिक्षक भाइयों एवं बहनों सादर अवगत कराना है कि आपके तथाकथित विरोधियों द्वारा मा० सर्वोच्च न्यायालय से लेकर मा० उच्च न्यायालय तक पुरजोर आजमाइश की जा रही है, तथा इधर एक दो दिन से हम भी महसूस किये कि हमारे समायोजित शिक्षक एवं शिक्षामित्र
बन्धु कुछ घबराये नजर आ रहे थे। मित्रों मा०उच्च न्यायालय इलाहाबाद में लगातार चल रही सुनवाई का लगातार चौथा दिन था। जिसमें तीन दिन तो केवल आपके विरोध में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं द्वारा बहस किया गया। चूँकि आपत्ति विपक्षियों की तरफ से की गयी थी, इसलिए उन्हें अपनी पूरी बात कहने का पूरा मौका दिया गया है। अब आज दिनांक 10/09/15 से उनको जवाब देने का अवसर शिक्षामित्र पक्ष को प्राप्त हुआ है जो सम्भवतः कल तक जारी रहेगा। कल की सुनवाई महत्वपूर्ण रहेगी। मित्रों कल के हमारे पोस्ट में हमने साफ कर दिया था कि मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद में शिक्षामित्रों का पक्ष मजबूत है। सभी दलीलों और साक्ष्यों के साथ अधिवक्ताओं द्वारा जवाब दिया जा रहा है। मित्रों समय से पहले ज्यादा उछलना ठीक नहीं होता। ये टेट वाले जो मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्टे होने के बाद भी इसी तरह बहुत उछल कूद मचा रहे थे, और फेसबुक व व्हाट्सप पर लिखते नहीं थकते थे कि शिक्षामित्रों का काम तमाम हो गया है। परन्तु 27 जुलाई को इनको उसी मा०सर्वोच्च न्यायालय से मुँह की खानी पड़ी और चारों खानें चित्त हो गये। अब इधर भी कुछ ज्यादा ही उछल कूद कर रहे हैं, किन्तु यहाँ भी उन्हें मुँह की ही खानी पड़ेगी। मा०न्यायालय में कोई भी फैसला गुण-दोष के आधार पर ही होता है। केवल उ०प्र० में ही नहीं एन०सी०टी०ई० से अनुमति लेकर उ०प्र०सहित उत्तरांचल व महाराष्ट्र में भी बिना टेट समायोजन हुआ है, और आज उ०प्र० में जो शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया है, तार्किक नियमों एवं वैधानिकताओं के आधार पर ही समायोजन कर शिक्षक बनाया गया है।
मित्रों आप लोग प्रदेश सरकार व संगठन फिर से दोहराना चाहता है कि किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। मित्रों आज जो विपक्षी उछल रहे हैं, मा० उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद उनकी सिट्टी पिट्टी गुम हो जाएगी, और उनको प्राथमिक शिक्षा में शिक्षक तो क्या चपरासी की भी जगह नहीं मिलेगी। इन्होंने अपने पैर में कुल्हाड़ी स्वयं मारी है।
मित्रों इस प्रदेश का शिक्षामित्र अपने आप का अन्तिम साँस तक बचाव ही कर रहा था, तथा किसी को नुकसान पहुँचाने का काम नहीं किया। किन्तु अब वह भी समय आने वाला है कि नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ फ्रंट पर आकर लड़ाई लड़ी जाएगी। जिसकी शुरुवात 2 नवम्बर से मा०सर्वोच्च न्यायालय में होगी। मित्रों धैर्य और साहस बनाए रखें, शिक्षामित्र कोई खिलवाड़ नहीं हैं कि जब जो चाहे मिटा दे। आने वाले समय का इन्तजार करें, समय खुद सबको जवाब दे देगा।
मित्रों सरकार व संगठन की तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। आप लोग दुष्ट आत्माओं के बहकावे में न आयें, दुष्ट आत्माएँ हमेशा डराने का काम करती हैं।
कल की बहस निर्णायक हो सकती है।

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