UP TET 2011 एक ऐसी परीक्षा जिसका सर्वाधिक विरोध हुआ : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

फिर भी हर बार विजयी हुई और आज भी जीवित है।
# शिक्षा के दलालों ने इसे कलंकित करने का भरपूर प्रयास किया।
# सत्ता के शीर्ष पर बैठे राजनीतिज्ञों की आँखों में कांटे की तरह चुभी।

# चुनाव से पूर्व ही इसे समाप्त करने की कसम खाई
फिर भी समाप्त न कर सके।
# कोर्ट द्वारा इसे समाप्त के लिए कई याचिकाएं डाली
गयीं उसने भी कुछ अंश ख़राब होने के साथ बाकि परीक्षा
को सही माना।
# आज भी व्हाइटनर के नाम पर इसे समाप्त कराने का
कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
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सवाल यह है कि आखिर एक परीक्षा का इतना बिरोध
क्यों?????
क्या इसे समाप्त चाहने वाले बाकई भ्रस्टाचार के
विरोधी है? जो प्रदेश में हर परीक्षा की सुचिता को पसंद
करते है या इसके पीछे और कोई कारण है??
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कारण बहुत आसान हैँ।
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# यह परीक्षा शिक्षक चयन की एक नई परिपाटी
स्थापित करती है।
# इस परीक्षा से शिक्षा और नक़ल माफियाओं के खेल
पर अंकुश लगता है।
# इस परीक्षा से नकल और तिगड़मबाज़ी से हासिल
अकादमिक अंकों का महत्व समाप्त होता है।
# इस परीक्षा द्वारा राजनीतिज्ञों व् नौकरशाहों के
नालायक चहेतों को आसानी से शिक्षक बनने के रास्ते
बंद होते है।
# शिक्षा क्षेत्र में फैले दलालो की कमाई पर रोक
लगती है।
# शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण पर रोक लगती है।
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कुल मिलाकर एक लाइन मे यदि कहा जाए तो ये परीक्षा
हर भ्रष्टाचारी, दलाल,शिक्षा माफिया,नकलचियों और
पीछे के दरबाजे से घुसने वालोँ के हितों के खिलाफ है ।।
इसीलिए वो इस परीक्षा का पुरजोर विरोध करते है। ऐसे
लोगो को ये भी समझना होगा की अति का अंत तो अवश्य
होता है। आज प्रारंभिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार की
अति आवश्यकता है, और शायद इसीलिए NCTE ने TET
को शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य योग्यता बनाया
है।।।

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