इलाहाबाद : बेसिक शिक्षकों की कई भर्तियां हाईकोर्ट में अटकी
हैं या फिर अंतिम फैसले के अधीन हैं। उसमें 72825 शिक्षक भर्ती के तहत
तैनाती पाने वाले प्रशिक्षु शिक्षक भी आ गए हैं।
अब उनकी मौलिक नियुक्ति
हाईकोर्ट के फैसले के अधीन हो गई है। हाईकोर्ट ने प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती
2011 में तमाम गड़बड़ियों का हवाला देते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया
है। सरकार को छह सप्ताह में जवाब देना है।
न्यायमूर्ति पीके बघेल याची विनय कुमार श्रीवास्तव की याचिका
की सुनवाई कर रहे थे। इसमें कहा गया है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी)
2011 के आधार पर प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 के तहत प्रदेश सरकार ने
प्राथमिक विद्यालयों में करीब 59 हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति की है। यह
सारी भर्तियां 72825 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया के तहत हुई हैं।
याची ने कोर्ट से कहा कि इस भर्ती में अयोग्य लोगों ने टीईटी
2011 की परीक्षा में धांधली करके नियुक्ति पा ली है। याची के अधिवक्ता गौरव
महाजन व विनय श्रीवास्तव ने यह भी दलील दी कि हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट
ने अपने आदेशों में फर्जी टीईटी अंकपत्र के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों को
बाहर करने का आदेश दे रखा है, इसके बाद भी उस आदेश का पालन किए बिना
प्रशिक्षु शिक्षकों को मौलिक नियुक्ति दी जा रही है। इस पर न्यायमूर्ति
बघेल ने राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।
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