जिन साथियों को भी सुप्रीम कोर्ट में याची बनना है वह सभी पहले यह सुनिश्चित कर लें कि याची बनाने वाला व्यक्ति चयनित है या अचयनित, पूर्व में याची रहा है,या नही!!!यदि याचियों को ही प्राथमिकता देने की बात कोर्ट ने कही है तो जहाँ हम एक ओर न्यायपालिका को बी एड टेट बेरोजगारों की संख्या का एक ठोस दावा तो दे ही सकते हैं,अतः इस संदर्भ में "दुर्गेश प्रताप सिंह,गोंडा" के साथ याची बनने पर ही उचित लाभ हो सकता है
क्योंकि दुर्गेश अभी तक कहीं याची नही हैं व् उनके विधिक ज्ञान पर मुझे पूरा भरोसा है अतः खुद के व् अपने साथ अन्य याचियों के सम्भावित चयन की जितनी अच्छी पैरवी दुर्गेश कर सकते हैं कोई अन्य नही।कहने में गुरेज़ नही कि अब तक "हिमांशु राणा"को प्रदेश में पहचान व् कामयाबी के पीछे यदि कोई विधिक सलाहकार है तो वह् DP है।
कुछ चयनित चूतिये आज कल भ्रामक पोस्ट डाल रहे हैं कि राणा आगरा से डेढ़ लाख ले गया इसका जबाब यह है की यदि तुम्हारे निजी जनपद में राणा की धमक और चमक इतनी है तो और जनपदों में क्या हाल होगा???तुमने राणा को रोका क्यों नही? क्या आगरा के अचयनित तेरी बात को गधे की लात समझते हैं?उनका भरोसा तेरे ऊपर नही है? तू भी जाकर के मेरठ से तीन लाख वसूल ले आ? वो तेरे नेता कहते थे न हम हमेशा दो गुना देते हैं तो करो वसूली दोगुनी??आप सभी इन बागड़ बिल्लों की पुरानी पोस्ट पढ़ें सिर्फ राणा टीम का विरोध और कुछ नही,कहते हैं जब विरोधी बढ़ जाएँ तो मानना चाहिए की कामयाबी मिल् रही है,अतः इन चयनित चोर टाइप की नेताओं के सिर्फ फेस बुक पर पकड़ है इन्ही के शहर में आकर कोई डेढ़ लाख वसूल ले जाए या फिर इनके कान में सुसु कर् जाए इन्हें उससे कोई मतलब नही,इनका हाल वही है जैसे गाँव से होकर निकलने वाली राजधानी सुपर फास्ट में लौंडे पत्थर मार के सुकून पा जाते हैं की उन्होंने राजधानी को रोकने का प्रयास कर लिया,हमे रुकना नही है,चलते रहना है तब तक जब तक के एक एक टेट बेरोजगार प्राथमिक विद्यालयों में न पहुँच जाए।
नोट: धन आपका और मन भी आपका कि चयनित चोर की बात का समर्थन करेंगे या फिर उस कुशाग्र बुद्धि वाले टेट उत्तीर्ण बेटोजगार को जिसकी वजह से अभी तक पूरे प्रदेश में एक उम्मीद बची है!!!
"सत्यमेव जयते"
इस चयनित चोर का चयनितों के नेतृत्व से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नही है क्योंकि वहां इन्हें कम लोग ही पहचानते होंगे।।।
"सत्यमेव जयते"
इस चयनित चोर का चयनितों के नेतृत्व से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नही है क्योंकि वहां इन्हें कम लोग ही पहचानते होंगे।।।
और साथियों अंत में एक अपील कि अभी हिसाब लेने या देने का समय नही है हिसाब से चलने का समय है,आपके ऐसे व्यवहार से विरोधियों के खेमे में बहुत खुशी मचती है,यदि आप विरोधियों के नेतृत्व को मिली मदद का मात्र 5 प्रतिशत हमे दे दो केस लड़ने के लिये तो 24 फ़रवरी को 6 वरिष्ठ अधिवक्ताओं की ज़िम्मेदारी मैं लेता हूँ,और यदि नेतृत्व पर भरोसा नही है तो विकल्प के रूप में 5 नाम दो बता दूंगा कि कितनी दम है।।