टीजीटी-पीजीटी परीक्षा 2011 में गलत सवाल पूछने और प्रश्नपत्रों में बड़े पैमाने पर वर्तनी की त्रुटि सामने आने के बाद चयन बोर्ड बैकफुट पर,शिकायतों की जांच के बाद ही जांची जाएगी ओएमआर

प्रदेश भर के डेढ़ दर्जन के करीब सरकारी विभागों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के 946 पद भरे जाने हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा 2011 में गलत सवाल पूछने और प्रश्नपत्रों में बड़े पैमाने पर वर्तनी की त्रुटि सामने आने के बाद चयन बोर्ड बैकफुट पर है।

चयन बोर्ड अब पहले प्रश्नपत्रों की गलतियों की जांच एवं परीक्षार्थियों की शिकायतों को हल करने के बाद ही मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करेगा।
शिकायत निवारण के बाद आंसर-की जारी करके परीक्षार्थियों से आपत्ति मांगकर उसको परखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि विशेषज्ञों की टीम से पहले सबसे अधिक शिकायत वाले प्रश्नपत्र की जांच करवाई जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि आखिर में प्रश्नपत्र तैयार करने में गड़बड़ी किस स्तर पर हुई। प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विशेषज्ञ ने यदि गलत पर्चा तैयार किया है तो उसकी जांच करवाकर उसे काली सूची में डाला जाएगा।

गलत प्रश्नों को मूल्यांकन से बाहर करके ही आंसर-की जारी होगी। प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग में गड़बड़ी की स्थिति में परीक्षा कराने वाली एजेंसी एवं मॉडरेशन करने वाले विशेषज्ञों को काली सूची में डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा परिणाम के बाद किसी प्रकार की परेशानी न हो इसकेलिए चयन बोर्ड सचेत है। इसीलिए पूरी जांच के बाद ही परिणाम जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थियों की आपत्तियों को भी पूरी तरह से निराकरण नहीं होगा रिजल्ट जारी नहीं होगा।
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