उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने एसएमएस से शिक्षकों की हाजिरी न देने का ऐलान कर दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन के बाद हाजिरी को लेकर विरोध तेज कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि एसएमएस से हाजिरी भेजना अव्यवहारिक है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
शिक्षकों का कहना है कि एसएमएस से हाजिरी का आदेश लागू करना है तो लखनऊ से आदेश किया जाए। गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है। शिक्षक अपनी योग्यता से पद पर हैं उन पर शिक्षा के अलावा तमाम काम लाद दिए गए हैं। पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जाता है। अब एसएमएस से हाजिरी न भेजने पर वेतन काटने का आदेश कर दिया गया है। अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि शहर में जब मोबाइल नहीं काम कर पाते हैं तो देहातों का हाल क्या होगा।
शिक्षकों ने विभाग के एसएमएस से हाजिरी के आदेश को गलत ठहराते हुए इसे तत्वाकाल वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मोबाइल और उन्हीं के सिम पर हाजिरी न भेजने पर वेतन काटने का आदेश गैरकानूनी है। बीएसए का कहना है कि वह शिक्षकों का पक्ष अधिकारियों के समक्ष रखेंगे, अंतिम फैसला उनका होगा।
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शिक्षकों का कहना है कि एसएमएस से हाजिरी का आदेश लागू करना है तो लखनऊ से आदेश किया जाए। गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है। शिक्षक अपनी योग्यता से पद पर हैं उन पर शिक्षा के अलावा तमाम काम लाद दिए गए हैं। पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जाता है। अब एसएमएस से हाजिरी न भेजने पर वेतन काटने का आदेश कर दिया गया है। अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि शहर में जब मोबाइल नहीं काम कर पाते हैं तो देहातों का हाल क्या होगा।
शिक्षकों ने विभाग के एसएमएस से हाजिरी के आदेश को गलत ठहराते हुए इसे तत्वाकाल वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मोबाइल और उन्हीं के सिम पर हाजिरी न भेजने पर वेतन काटने का आदेश गैरकानूनी है। बीएसए का कहना है कि वह शिक्षकों का पक्ष अधिकारियों के समक्ष रखेंगे, अंतिम फैसला उनका होगा।
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