अमर उजाला, अलीगढ़ मातृत्व अवकाश और बच्चों की देखभाल के लिए महिलाओं को शिक्षा विभाग में दिया जाने वाला अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) का कुछ शिक्षिकाओं द्वारा दुरुपयोग किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
जिले में कुछ स्कूलों की शिक्षिकाओं ने इस लीव के आधार पर पिछले एक डेढ़ सालों से छुट्टी ले रखी है।
सामाजिक कार्यकर्ता नरेश निराला ने ऐसे ही कुछ स्कूलों में तैनात शिक्षिकाओं की सूची बनाकर पत्र सहित जिलाधिकारी कार्यालय को भेजी है। पत्र में सीएलएल अवकाश के दुरुपयोग की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
(तीन महीने का अवकाश लिया। कुछ दिन काम किया और फिर अवकाश ले लिया) जबकि कुछ शिक्षिकाओं के बच्चे बीटेक, बीएससी, एमबीए आदि पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे हैं। अगर इन शिक्षिकाओं के अवकाश की अवधि और इनके बच्चों की स्कूल की हाजिरी मिला ली जाए तो तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
इसके अलावा यह अवकाश छोटे बच्चों की देखभाल के लिए है न कि वयस्क बच्चों के लिए। इस संबंध में एबीएसए मो. जाकिर ने कहा कि इस संबंध में कोई शिकायत हुई है तो इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अतरौली के एक स्कूल में जो छुट्टी की बात कही जा रही है वह मातृत्व अवकाश पर नहीं हैं।
वह शिक्षिका चाइल्ड केयर लीव पर हैं। इससे अधिक कुछ कहने की स्थिति नहीं है।
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जिले में कुछ स्कूलों की शिक्षिकाओं ने इस लीव के आधार पर पिछले एक डेढ़ सालों से छुट्टी ले रखी है।
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(तीन महीने का अवकाश लिया। कुछ दिन काम किया और फिर अवकाश ले लिया) जबकि कुछ शिक्षिकाओं के बच्चे बीटेक, बीएससी, एमबीए आदि पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे हैं। अगर इन शिक्षिकाओं के अवकाश की अवधि और इनके बच्चों की स्कूल की हाजिरी मिला ली जाए तो तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
इसके अलावा यह अवकाश छोटे बच्चों की देखभाल के लिए है न कि वयस्क बच्चों के लिए। इस संबंध में एबीएसए मो. जाकिर ने कहा कि इस संबंध में कोई शिकायत हुई है तो इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अतरौली के एक स्कूल में जो छुट्टी की बात कही जा रही है वह मातृत्व अवकाश पर नहीं हैं।
वह शिक्षिका चाइल्ड केयर लीव पर हैं। इससे अधिक कुछ कहने की स्थिति नहीं है।
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